• व्यवहार से दूर, आदर्श के पास

    क्या मोदी सरकार रेलवे बजट के जरिए अच्छे दिन लाने की शुरुआत करेगी? क्या भारत भी बुलेट ट्रेन दौड़ाने वाला देश होगा? इस बार देश को किन नई ट्रेनों की सौगात मिलेगी? डीज़ल की कम होती कीमतों का असर क्या किरायों पर पड़ेगा? मानवरहित रेलवे क्रासिंग के बारे में कौन से क्रांतिकारी कदम उठाए जाएंगे? ...

    क्या मोदी सरकार रेलवे बजट के जरिए अच्छे दिन लाने की शुरुआत करेगी? क्या भारत भी बुलेट ट्रेन दौड़ाने वाला देश होगा? इस बार देश को किन नई ट्रेनों की सौगात मिलेगी? डीज़ल की कम होती कीमतों का असर क्या किरायों पर पड़ेगा? मानवरहित रेलवे क्रासिंग के बारे में कौन से क्रांतिकारी कदम उठाए जाएंगे? ट्रेन दुर्घटनाएं रोकने के लिए आधुनिक तकनीकी का इस्तेमाल कब होगा? यात्रा के दौरान सुरक्षा के कौन से उपाय किए जाएंगे? ट्रेनों के भीतर मिलने वाली सुविधाओं का स्तर कैसे सुधारा जाएगा? स्टेशनों की दशा कैसे सुधरेगी? आरक्षण में दलालों की भूमिका समाप्त करने के लिए क्या उपाय किए जा रहे हैं? सामान्य दर्जे में यात्रा करने वाले लोग मवेशियों की तरह ठूंसे न जाएं, क्या इस दिशा में कोई विचार होगा? ऐसे ढेरों सवाल 2015-16 के रेल बजट के पहले स्वाभाविक तौर पर उठे। रेल मंत्री सुरेश प्रभु मोदी सरकार के लिए किस तरह का बजट पेश करते हैं, इसे लेकर खासी उत्सुकता बनी थी। लेकिन जब बजट सामने आया तो उसमें बहुत से सवालों के जवाब नहींमिले, हां आश्वासन अवश्य मिले। संक्षेप में कहा जाए तो यह रेल बजट यूटोपिया का अहसास कराता है। जिसमें आदर्श की बहुत सी बातें हैं, लेकिन व्यवहार में उन्हें कैसे उतारा जाएगा, इसकी कोई स्पष्ट तस्वीर नहींदिखती, लिहाजा आदर्श जमीनी हकीकत से दूर लगते हैं। सुरेश प्रभु द्वारा पेश रेल बजट में युवाओं, महिलाओं, बुजुर्गों व विकलांगों को खास तवज्जो देते हुए योजनाएं बनाई गई हैं। 4 सौ रेलवे स्टेशनों को वाई-फाई बनाना, 10 सेटेलाइट रेलवे स्टेशन विकसित करना, रेलवे भर्ती के लिए आनलाइन आवेदन, 4 रेलवे रिसर्च इंस्टीट्यूट बनाने की घोषणाएं की गई हैं। बुजुर्गों व गर्भवती महिलाओं के लिए निचली बर्थ का प्रावधान व विकलांगों के लिए रियायती ई टिकट, व्हील चेयर बुकिंग की आनलाइन सुविधा, नेत्रहीनों के लिए ब्रेल लिपि सुविधा जैसी घोषणाएं सराहनीय हैं और लंबे अरसे से इनकी जरूरत महसूस की जा रही थी। महिलाओं की सुरक्षा के लिए निर्भया फंड का इस्तेमाल और नया हेल्पलाइन नंबर प्रारंभ करने का वादा है। डिब्बों में सीसीटीवी कैमरे और 4 हजार महिला कांस्टेबलों की नियुक्ति की घोषणा भी है। लेकिन जब तक ये वादे अमल में नहींआते, महिलाओं की सुरक्षा बड़ी चिंता बनी रहेगी। यूज़ एंड थ्रो बिस्तर की व्यवस्था, वेंडिंग मशीन से सस्ता पानी खरीदने की सुविधा, नए शौचालयों का निर्माण, शताब्दी ट्रेन में मनोरंजन की व्यवस्था, साफ सफाई के लिए अलग विभाग, आईआरसीटीसी की वेबसाइट से खाने की बुकिंग, पिकअप एंड ड्राप सुविधा, आगमन-प्रस्थान के लिए एसएमएस अलर्ट, हवाई जहाज की तरह ट्रेनों में वैक्यूम टायलेट, ऐसी कुछ योजनाएं हैं जो विदेशों में बहुत पहले से आजमाई जा रही हैं और साधारण भारतीय के लिए काफी लुभावनी हैं। इन सुविधाओं की कल्पना से ही ऐसा आभास होता है कि सचमुच भारतीय रेल की तस्वीर कितनी आधुनिक, सुविधाजनक और आकर्षक हो गई है। लेकिन इसे हकीकत में उतारने के लिए रेल मंत्रालय ने कैसी रणनीति तैयार की है, इसका पता तो तभी चलेगा, जब इन्हें कार्यरूप में परिणत करने की शुरुआत होगी। कई वर्षों बाद एक ऐसा रेल बजट देश ने देखा है जिसमें नई ट्रेन का ऐलान नहींहै। हालांकि यह कहा गया है कि समीक्षा के बाद नई ट्रेनों का ऐलान होगा। अतुल्य भारत के लिए अतुल्य रेल की शुरुआत करने, मुंबईअहमदाबाद के बीच हाईस्पीड ट्रेन का प्रस्ताव और पूर्वोत्तर राज्यों में रेल नेटवर्क बढ़ाने का ऐलान बजट में किया गया है। किसानों के लिए किसान यात्रा योजना बनाई गई है। यात्री किराए में कोई वृद्धि नहींकी गई, लेकिन पिछले दिनों डीजल की कीमतें जितनी कम हुई हैं, उसके बाद साधारण दर्जे में सफर करने वाले मजदूर, किसानों के लिए किसी किस्म की रियायत दी जाती, तो उन्हें बहुत राहत मिलती। रेलवे में एफडीआई की बात प्रधानमंत्री कह चुके हैं, निजी क्षेत्रोंं को भागीदार बनाने के प्रस्ताव भी पहले आए हैं। इस बार सीधे तौर पर न सही, लेकिन अतिरिक्त वित्तीय संसाधन जुटाने के लिए विशेष प्रयोजन कंपनियां गठित करने और स्टेशन व गाडिय़ों को उन कंपनियों के नाम करने, जो इसके लिए रेलवे को पैसा देंगे, ऐसे विचार रेलवे में निजी क्षेत्र के प्रवेश का भान देते हैं। विपक्ष ने इस रेल बजट को निराशाजनक बताया है, वहीं प्रधानमंत्री मोदी ने इसकी तारीफ की है। इस परंपरागत आलोचना और प्रशंसा से परे उन लोगों की राय और प्रतिक्रिया पर रेल मंत्रालय को गौर फरमाना चाहिए, जो ट्रेन में ही सफर करते हैं, हवाई जहाज जिन्हें अब भी बहुत दूर आकाश में नजर आता है।

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