बाजार में 10 से बीस रूपए में बिकने वाले बोतलबंद पानी की जगह एक रूपए में यदि पांच लीटर शुद्ध पानी मिले तो इससे अच्छा क्या हो सकता है। कोरिया जिले में पीएचई विभाग के एक इंजीनियर ने एक ऐसा मिनरल वाटर फिल्टर प्लांट तैयार किया, जिसमें एक रूपए का सिक्का डालकर पांच लीटर शुद्ध पानी प्राप्त किया जा सकता है। जिला प्रशासन ने प्रयोग के तौर पर जिला मुख्यालय बैकुण्ठपुर और मनेन्द्रगढ़ में ऐसे दो प्लांट लगाए हैं। जल्द ही ऐसे कुछ और प्लांट विकास खंड मुख्यालयों में लगाने की तैयारी है। मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह आज कोरिया जिले के प्रवास पर थे और जब उन्हें इस प्लांट के बारे में बताया गया तो वे इससे काफी प्रभावित हुए। उन्होंने 'कोरिया नीरÓ नाम के इस मिनरल वाटर फिल्टर प्लांट को राज्यभर में लगाने का ऐलान किया है। इस वाटर फिल्टर प्लांट की लागत भी अधिक नहीं है। एक लाख से कम कीमत में इसे आसानी से स्थापित किया जा सकता है। शुद्ध पानी की उपलब्धता विशेषकर उन क्षेत्रों में जहां जलजनित बीमारियों की आशंका हमेशा बनी रहती है, यह प्लांट वरदान साबित हो सकता है। इस प्लांट से शुद्ध पानी का आम उपयोग किस रुप में हो सकता है, इसकी रुपरेखा हालांकि अभी तैयार होना बाकी है। सार्वजनिक स्थलों पर यह प्लांट काफी उपयोगी होगा, वहां शुद्ध पेयजल के लिए लोग बोतलबंद पानी पर निर्भर होते हैं। शुद्ध और सस्ता पीने का पानी उपलब्ध कराना कितनी बड़ी समस्या है, इसका अनुमान बोतलबंद पानी के बढ़ते कारोबार से लगाया जा सकता है। कई बड़ी कंपनियां इस कारोबार में उतर गई है और मिनरल वाटर के नाम से यह पानी खूब बिक भी रहा है। जलजनित बीमारियों के संक्रमण की स्थिति में भी यह प्लांट काफी कारगर साबित हो सकता है। प्रदेश के कई शहरों में गर्मी के दिनों में पीने के पानी की समस्या गंभीर हो जाती है। पीलिया तथा दूषित जल के सेवन से फैलने वाली इसी प्रकार की दूसरी बीमारियों के संक्रमण का खतरा बना रहता है। इस प्लांट के जरिए बीमारियों के संक्रमण की रोकथाम में मदद मिल सकती है। आज एक रूपए की कीमत भी क्या है अगर इस एक रूपए में 5 लीटर शुद्ध पानी मिले तो बोतलबंद पानी लेने की जगह कौन इसे लेना नहीं चाहेगा। अब यह देखना परखना होगा कि इस प्लांट के लंबे समय तक संचालन में क्या व्यावहारिक दिक्कतें पेश आ सकती हंै। इस प्लांट को तैयार करने वाले इंजीनियर का कहना है कि इसका रखरखाव भी बहुत आसान है। यह हो सकता है कि आने वाले कुछ दिनों में इस पर काम शुरु हो और यह कोरिया नीर पूरे छत्तीसगढ़ में लोगों की प्यास बुझाए। कोरिया जिले के कलेक्टर का तो मानना है कि इस प्लांट की उपयोगिता उन इलाकों में अधिक है, जहां के पानी में फ्लोराइड अथवा इससे हानिकारक खनिज तत्वों की मात्रा अधिक है।