• नानावती आयोग एक सप्ताह में दे सकता है अंतिम रिपोर्ट

    अहमदाबाद ! गुजरात में वर्ष 2002 में गोधरा में साबरमती एक्सप्रेस को जलाये जाने की घटना तथा इसके बाद भड़के दंगो की जांच के लिए गठित नानावती आयोग एक सप्ताह में अपनी अंतिम रिपोर्ट दे सकता है। छह मार्च 2006 को तत्कालीन नरेन्द्र मोदी सरकार द्वारा न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) जी टी नानावती की अध्यक्षता में गठित दो सदस्यीय आयोग को पूर्व में 24 बार कार्यकाल विस्तार दिया गया था। आखिरी बार गत 30 सितंबर को इसके कार्यकाल में एक माह का विस्तार दिया गया था। आज इसका कार्यकाल समाप्त हो गया और इसकी ओर से सेवा विस्तार की मांग नहीं की गयी है। ...

     अहमदाबाद !  गुजरात में वर्ष 2002 में गोधरा में साबरमती एक्सप्रेस को जलाये जाने की घटना तथा इसके बाद भड़के दंगो की जांच के लिए गठित नानावती आयोग एक सप्ताह में अपनी अंतिम रिपोर्ट दे सकता है।     छह मार्च 2006 को तत्कालीन नरेन्द्र मोदी सरकार द्वारा न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) जी टी नानावती की अध्यक्षता में गठित दो सदस्यीय आयोग को पूर्व में 24 बार कार्यकाल विस्तार दिया गया था। आखिरी बार गत 30 सितंबर को इसके कार्यकाल में एक माह का विस्तार दिया गया था। आज इसका कार्यकाल समाप्त हो गया और इसकी ओर से सेवा विस्तार की मांग नहीं की गयी है।     आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि आयोग एक सप्ताह के भीतर अपनी अंतिम रिपोर्ट राज्य सरकार के समक्ष प्रस्तुत कर सकता है। इसने पहले ही गोधरा कांड से संबंधित जांच रिपोर्ट साैंप दी है और इसे एक सुनियोजित साजिश करार दिया था। सत्ताइस फरवरी को 2002 को साबरमती एक्सप्रेस के एस 6 कोच में आग लगाये जाने से इसमें सवार अयोध्या से लौट रहे 59 कारसेवकों की मौत हो गयी थी।     आयोग के दूसरे सदस्य पहले श्री के जी शाह थे। मार्च 2008 में उनकी मौत के बाद श्री अक्षय मेहता को उनके स्थान पर सदस्य बनाया गया। आयोग की रिपोर्ट में सबकी निगाहे इस बात पर होगी कि यह दंगों के संर्दभ में तत्कालीन मुख्यमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व पर कोई टिप्पणी करता है अथवा नहीं।

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