• पांच सितारा होटलों में अब नहीं होंगी सरकारी बैठकें

    नई दिल्ली ! सरकार ने वित्तीय घाटे को काबू में करने के मकसद से गुरुवार को कुछ कड़े कदम उठाते हुए पांच सितारा होटलों में सरकारी बैठकों के आयोजन पर प्रतिबंध और प्रथम श्रेणी की विमान यात्रा पर रोक लगाने का आदेश दिया। वित्त मंत्रालय की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि ये उपाय इस बात को ध्यान में रखकर किए गए हैं कि सरकार की परिचालन कुशलता में किसी प्रकार की बाधा नहीं आए और बेहतर वित्तीय अनुशासन बना रहे।...

    वित्तीय घाटे को कम करने के लिए उठाए गए कदम नई दिल्ली !  सरकार ने वित्तीय घाटे को काबू में करने के मकसद से गुरुवार को कुछ कड़े कदम उठाते हुए पांच सितारा होटलों में सरकारी बैठकों के आयोजन पर प्रतिबंध और प्रथम श्रेणी की विमान यात्रा पर रोक लगाने का आदेश दिया। वित्त मंत्रालय की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि ये उपाय इस बात को ध्यान में रखकर किए गए हैं कि सरकार की परिचालन कुशलता में किसी प्रकार की बाधा नहीं आए और बेहतर वित्तीय अनुशासन बना रहे।  मंत्रालय का कहना है कि इन उपायों से गैर प्लान बजट या स्वविवेक वाले खर्चों में 10 प्रतिशत की कटौती की जा सकेगी। उसके अनुसार, इससे ब्याज और ऋण का भुगतान, रक्षा बजट, वेतन एवं भत्ते आदि पर किसी प्रकार का असर नहीं होगा। सरकार ने चालू वित्त वर्ष में वित्तीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 4.1 प्रतिशत तक सीमित रखने के प्रयास के तहत खर्च में कटौती के उपाय किए हैं। उसने मंत्रियों तथा अधिकारियों को जहां तक संभव हो वे वीडियो कांफ्रें सिंग के जरिए प्रेस वार्ता करने की भी सलाह दी है। वित्त मंत्रालय ने बताया कि अगले एक साल तक कोई नई नियुक्ति नहीं की जाएगी और न ही खाली पड़े पदों को भरा जाएगा।  साथ ही सरकार ने नए वाहनों की खरीद पर भी प्रतिबंध जारी रखने का फैसला किया है। हालांकि सेना, अद्र्धसैनिक बलों तथा अन्य सुरक्षा एजेंसियों के लिए वाहनों की खरीद पर कोई प्रतिबंध नहीं होगा। मंत्रालय के अनुसार, वर्तमान वित्तीय परिस्थितियों के मद्देनजर अनुचित खर्च में कटौती तथा उपलब्ध संसाधनों का समुचित उपयोग अनिवार्य है। उल्लेखनीय है कि सरकार ने 2016-17 तक वित्तीय घाटे को जीडीपी के तीन प्रतिशत तक सीमित करने का लक्ष्य रखा है। चालू वित्त वर्ष के लिए यह लक्ष्य 4.1 प्रतिशत का है। 

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