• उप्र में पुल धंसने से कानपुर का मप्र से संपर्क टूटा

    हमीरपुर ! उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले में बुधवार की आधी रात के बाद कानपुर-सागर राष्ट्रीय राजमार्ग-86 पर कानपुर को जोड़ने वाला यमुना पुल ओवरलोड वाहनों के कारण धंस गया, जिससे हमीरपुर, महोबा व मध्य प्रदेश का उत्तर प्रदेश के औद्योगिक नगरी कानपुर से संपर्क टूट गया है। पुल टूटने की सूचना पर तो पीएनसी के अभियंताओं ने गुरुवार को टीम के साथ क्षतिग्रस्त पुल का निरीक्षण किया। क्षतिग्रस्त पुल की स्लैब की मरम्मत के लिए फिलहाल कर्मचारियों ने पुल पर डेरा डाल दिया है...

    हमीरपुर !   उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले में बुधवार की आधी रात के बाद कानपुर-सागर राष्ट्रीय राजमार्ग-86 पर कानपुर को जोड़ने वाला यमुना पुल ओवरलोड वाहनों के कारण धंस गया, जिससे हमीरपुर, महोबा व मध्य प्रदेश का उत्तर प्रदेश के औद्योगिक नगरी कानपुर से संपर्क टूट गया है। पुल टूटने की सूचना पर तो पीएनसी के अभियंताओं ने गुरुवार को टीम के साथ क्षतिग्रस्त पुल का निरीक्षण किया। क्षतिग्रस्त पुल की स्लैब की मरम्मत के लिए फिलहाल कर्मचारियों ने पुल पर डेरा डाल दिया है।बताया जाता है कि कानपुर से हमीरपुर प्रवेश करने पर यमुना पुल की स्लैब काफी ओवरलोड ट्रकों की टक्कर से धंसकर टूट गई और बीम भी क्षतिग्रस्त हो गया। खबर मिलते ही यातायात पुलिस के अधिकारियों ने गुरुवार तड़के जाकर पुल पर आवागमन बंद कराया। यातायात पुलिस ने यमुना पुल पार करने आए जिले के सैकड़ों ट्रकों का मार्ग बदलकर कुरारा-कालपी मार्ग से जाने की अनुमति दी। रोडवेज की यात्री बसों को भी जहां की तहां खड़ी करा दी गई। इस पुल के टूटने से हमीरपुर में हाहाकार मचा हुआ है। उल्लेखनीय है कि बुंदेलखंड के हमीरपुर जिले में वर्ष 1975 के बाद कानपुर व लखनऊ संपर्क मार्ग से हमीरपुर, महोबा व मध्य प्रदेश के कई इलाके सड़क मार्ग से सीधे जुड़ गए। बताया जाता है कि इससे पहले 11 जून 2009 की रात ओवरलोड वाहनों की धमाचौकड़ी के कारण यमुना पुल दरककर धंस गया था, जिससे कई महीनों तक उत्तर प्रदेश की राजधानी से हमीरपुर, महोबा, सागर (मप्र) का संपर्क टूट गया था। पुल टूटने का खामियाजा हमीरपुर, महोबा व राठ के साथ-साथ सागर छतरपुर के लोगों को भुगतनी पड़ी थी। हर चीजों के दाम भी बढ़ गए थे। महीनों बाद पुल ठीक कराकर चालू कराया गया, लेकिन ओवरलोड वाहनों की आवाजाही पर रोक न लगाए जाने से 10 जून 2011 को पुल फिर दरककर धंस गया था। फिर भी हमीरपुर प्रशासन ने ओवरलोड वाहनों को रोकने की पहल नहीं की। परिणाम यह हुआ कि 22 जून 2013 को यमुना पुल फिर धंस गया। इस पुल के सही होने में महीनों लग गए थे। बीती देर रात यमुना नदी पार पुल की आखिरी कोठी की स्लैब करीब एक मीटर लम्बाई और कुछ फीट चैड़ाई के व्यास में दरक कर धँस जिससे वाहनों चालकों में अफरातफरी मच गयी। बताया जाता है कि जिस समय पुल धंसा तो उस दौरान सैकड़ों भारी वाहनों की रेला भी पुल पर रेंग रहा था। यातायात पुलिस के अधिकारी मौके पर जाकर कोई हादसा न हो इससे पहले ही बैरियर लगाकर वनवे कर दिया है। सांसद निरंजन ज्योति काफी समय से ओवरलोडिंग का विरोध कर रही हैं, लेकिन उनकी बात पर प्रशासन ने कभी गौर नहीं किया।

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