• केरल में बड़े होटलों को शराब परोसने की इजाजत

    कोच्चि/तिरुवनंतपुरम ! केरल उच्च न्यायालय के एकल न्यायाधीश वाली पीठ ने गुरुवार को विरासतों, चार सितारा एवं पांच सितारा होटलों सहित 62 स्थानों पर ग्राहकों को शराब परोसने की मंजूरी देने के कुछ ही घंटों बाद उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें दो सितारा और तीन सितारा होटलों द्वारा और दो सप्ताह तक संचालन की अनुमति मांगी गई थी। न्यायाधीश न्यायमूर्ति के. सुरेंद्र मोहन ने गुरुवार को केरल बार होटल ऑनर्स एसोसिएशन की ओर से दायर की गई याचिका पर फैसला सुनाते हुए आठ विरासतों, 33 चार सितारा एवं 21 पांच सितारा होटलों में ग्राहकों को शराब परोसे जाने की मंजूरी दी।...

    कोच्चि/तिरुवनंतपुरम !   केरल उच्च न्यायालय के एकल न्यायाधीश वाली पीठ ने गुरुवार को विरासतों, चार सितारा एवं पांच सितारा होटलों सहित 62 स्थानों पर ग्राहकों को शराब परोसने की मंजूरी देने के कुछ ही घंटों बाद उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें दो सितारा और तीन सितारा होटलों द्वारा और दो सप्ताह तक संचालन की अनुमति मांगी गई थी। न्यायाधीश न्यायमूर्ति के. सुरेंद्र मोहन ने गुरुवार को केरल बार होटल ऑनर्स एसोसिएशन की ओर से दायर की गई याचिका पर फैसला सुनाते हुए आठ विरासतों, 33 चार सितारा एवं 21 पांच सितारा होटलों में ग्राहकों को शराब परोसे जाने की मंजूरी दी।एसोसिएशन ने न्यायालय से कुछ समय का वक्त मांगा था, ताकि एकल न्यायाधीश वाली पीठ के फैसले के खिलाफ अपील कर सकें, लेकिन अब सभी दो सितारा एवं तीन सितारा होटलों को तत्काल प्रभाव से सचालन बंद करना होगा।केरल के मुख्यमंत्री ओमन चांडी ने न्यायालय के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि सरकार की शराब नीति को स्वीकार किया गया है और जितने बार बंद किए गए हैं, उनकी संख्या को देखते हुए यह नहीं कहा जा सकता कि यह आंशिक जीत है।इधर, विपक्ष के नेता वी. एस. अच्युतानंदन ने कहा कि यह सरकार की विफलता है, क्योंकि सरकार ने तो सिर्फ पांच सितारा होटलों को शराब परोसने की अनुमति दी थी, लेकिन न्यायालय द्वारा गुरुवार को दिए गए फैसले में चार सितारा होटलों को भी यह मंजूरी दी गई है।केरल सरकार की नई शराब नीति के मुताबिक चरणबद्ध तरीके से राज्य को पूरी तरह से शराब मुक्त कराने का लक्ष्य रखा गया है, जिसके तहत 21 पांच सितारा होटल बार में शराब परोसने की अनुमति दी गई है और शेष सभी बार को बीते 12 सितंबर से बंद कर दिया गया है।उच्च न्यायालय ने तीन सितंबर को सरकार के निर्णय को बरकरार रखते हुए फैसला सुनाया था, जिसके बाद एसोसिएशन ने केरल उच्च न्यायालय में अपील की थी। एसोसिएशन ने सर्वोच्च न्यायालय से इस मामले में राहत मांगी थी, लेकिन सर्वोच्च न्यायालय ने मामला वापस उच्च न्यायालय में भेज दिया था।राज्य आबकारी मंत्री के. बाबू ने कहा कि यह फैसला राज्य सरकार की शराब नीति की नाकामयाबी नहीं है।उन्होंने कहा, "हम न्यायालय के फैसले का अध्ययन करेंगे और उसके बाद अगली कार्रवाई के बारे में फैसला लेंगे।"राज्य कांग्रेस इकाई के अध्यक्ष वी. एम. सुधीरन ने न्यायालय के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि इसने राज्य की शराब नीति को बरकरार रखा है।सुधीरन ने कहा, "हम देखेंगे कि चार सितारा होटलों को भी मौजूदा सूची से हटाने के लिए आगे क्या किया जा सकता है और इसके लिए हम कानून के तहत ही कोई कदम उठाएंगे।"

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