वाशिंगटन ! विश्व बैंक द्वारा जारी एक नई रपट में कहा गया है कि दक्षिण एशिया में भारत ने 2005 के बाद से सर्वाधिक 20 नियामकीय सुधार किए हैं।भारत के बाद श्रीलंका ने 16 सुधार किए हैं। बांग्लादेश, पाकिस्तान और नेपाल ने कारोबारी सुविधा के लिए आधुनिक इलेक्ट्रॉनिक प्रणाली अपनाने की कोशिश की है।'डूइंग बिजनेस 2015 : गोइंग बियोंड इफिसिएंशी' रपट बुधवार को जारी हुई। रपट के मुताबिक दक्षिण एशिया के आठ में से चार देशों ने 2005 के बाद से स्थानीय उद्यमों के कारोबार को सुविधाजनक बनाने के लिए कम से कम एक नियामकीय सुधार किए हैं।विश्व बैंक की प्रमुख रपट लेखिका रीता रामल्हो ने कहा, "प्रशासनिक क्षमता और मजबूत नियामकीय सुरक्षा वाले देशों में कारोबार करना आसान है।"रपट में कहा गया है कि भारत में एक दशक से कुछ अधिक समय पहले तक किसी कारोबारी के लिए अपना कारोबार बढ़ाने के लिए कर्ज लेना असंभव जैसा था। क्योंकि वित्तीय प्रणाली के पास किसी की विश्वसनीयता पता करने की कोई प्रणाली नहीं थी।उन्होंने कहा, "लेकिन आज राष्ट्रीय क्रेडिट ब्यूरो के निर्माण और विस्तार के कारण बेहतर वित्तीय रिकार्ड वाली एक छोटी कंपनी भी बैंक से ऋण लेकर अपने कर्मचारियों की संख्या बढ़ा सकती है।"देश में स्थानीय कारोबारियों के लिए फायदेमंद तीन नियामकीय सुधार कारोबार शुरू करने, बिजली कनेक्शन लेने और अल्पमत निवेशकों की सुरक्षा के क्षेत्र में किए गए हैं।रपट के मुताबिक व्यापार शुरू करने के मामले में देश में पंजीकरण शुल्क कम किया गया है। लेकिन कारोबार शुरू करने से पहले एक घोषणा दाखिल करने की व्यवस्था कर इसे थोड़ा कठिन बना दिया गया है।यह रपट दिल्ली और मुंबई के संदर्भ में है।मुंबई में बिजली कनेक्शन लेने के लिए नए कनेक्शन पर धरोहर राशि कम की गई है।अल्पमत निवेशकों की सुरक्षा के लिए बोर्ड सदस्यों के हितों के टकराव के अधिक खुलासे की व्यवस्था की गई है।रपट में आंकड़े भारत में दिल्ली और मुंबई से, बांग्लादेश में चटगांव और ढाका से और पाकिस्तान में लाहौर तथा करांची से जुटाए गए हैं।संपूर्ण रपट में 189 देशों को शामिल किया गया है। रपट के मुताबिक कारोबारी सुविधा वाले देशों की सूची में अव्वल स्थान सिंगापुर का है।शीर्ष 10 सूची में शामिल देशों में हैं : न्यूजीलैंड, हांगकांग, चीन, डेनमार्क, दक्षिण कोरिया, नॉर्वे, अमेरिका, ब्रिटेन, फिनलैंड और आस्ट्रेलिया।