• तमिलनाडु सरकार ने दूध के दाम बढ़ाए

    तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ओ. पन्नीरसेल्वम ने शनिवार को दूध के दाम में करीब 40 प्रतिशत की वृद्धि करते हुए टोन्ड दूध की कीमत प्रति लीटर 10 रुपये बढ़ा दी है। इसके साथ ही एक लीटर टोन्ड दूध की कीमत 24 रुपये से बढ़कर 34 रुपये हो गई। विपक्ष ने राज्य सरकार के इस निर्णय को राज्य के इतिहास में अभूतपूर्व करार दिया और दूध के दाम बढ़ाए जाने की निंदा की।...

    चेन्नई | तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ओ. पन्नीरसेल्वम ने शनिवार को दूध के दाम में करीब 40 प्रतिशत की वृद्धि करते हुए टोन्ड दूध की कीमत प्रति लीटर 10 रुपये बढ़ा दी है। इसके साथ ही एक लीटर टोन्ड दूध की कीमत 24 रुपये से बढ़कर 34 रुपये हो गई। विपक्ष ने राज्य सरकार के इस निर्णय को राज्य के इतिहास में अभूतपूर्व करार दिया और दूध के दाम बढ़ाए जाने की निंदा की। पन्नीरसेल्वम ने एक बयान जारी कर कहा कि दूध खरीदने तथा अन्य खर्चो में वृद्धि को देखते हुए राज्य सरकार ने मासिक कार्ड धारकों के लिए दूध की कीमत में बढ़ोतरी करने की आवश्यकता महसूस की। पन्नीरसेल्वम ने गाय के दूध के सरकारी खरीद मूल्य में प्रति लीटर पांच रुपये और भैंस के दूध में प्रति लीटर चार रुपये की वृद्धि की घोषणा की। इसके साथ ही गाय के एक लीटर दूध का सरकरी खरीद मूल्य 28 रुपये और भैंस के एक लीटर दूध का सरकारी खरीद मूल्य 35 रुपये हो गया। उन्होंने कहा कि नई दर पहली नवंबर से लागू होंगी। द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (द्रमुक) के अध्यक्ष एम. करुणानिधि ने राज्य सरकार के इस कदम की कड़ी आलोचना की। करुणानिधि ने एक बयान जारी कर कहा कि राज्य में इससे पहले किसी सरकार ने एक बार में दूध की कीमतों में प्रति लीटर 10 रुपये तक की बढ़ोतरी नहीं की। करुणानिधि ने कहा कि दुग्ध उत्पादकों से बातचीत किए बगैर सरकार ने दूध की कीमतों में वृद्धि का एकतरफा फैसला किया है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता तमिलिसाई सुंदरराजन ने कहा कि दूध के सरकारी खरीद मूल्य में मामूली बढ़त और खुदरा कीमतों में बड़ी बढ़त करने से सिर्फ निजी डेयरियों को ही फायदा होगा। पीएमके नेता एस. रामदास ने कीमतें बढ़ाए जाने की निंदा की और कहा कि सरकार पक्षपातपूर्ण तरीके से सिर्फ दुग्ध उत्पादकों की मांग को पूरा कर रही है।

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