• गडकरी, फडणवीस ने भागवत से मुलाकात की

    केंद्रीय जहाजरानी एवं पविहन मंत्री नितिन गडकरी ने राजनीतिक गलियारों में अटकलबाजियों को नई हवा देते हुए शनिवार को यहां राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत से मुलाकात की। ...

    नागपुर| केंद्रीय जहाजरानी एवं पविहन मंत्री नितिन गडकरी ने राजनीतिक गलियारों में अटकलबाजियों को नई हवा देते हुए शनिवार को यहां राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत से मुलाकात की। इसके पहले शुक्रवार देर रात भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की राज्य इकाई के अध्यक्ष और महाराष्ट्र के अगले मुख्यमंत्री पद के दावेदार देवेंद्र फडणवीस ने भागवत से मुलाकात की थी। भाजपा सूत्रों ने यह नहीं बताया कि दोनों मुलाकातों के दौरान क्या बातचीत हुई, हालांकि उन्होंने कहा कि मुलाकातें दिवाली की शुभकामनाओं के निमित्त हुई होंगी। लेकिन इन मुलाकातों की अहमियत इसलिए मानी जा रही है, क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चंद घंटे बाद ही शनिवार को मुंबई पहुंच रहे हैं। आरएसएस मुख्यालय से आ रहीं अनधिकारिक खबरों ने संकेत दिया है कि आरएसएस प्रमुख और फडणवीस तथा गडकरी के बीच नई सरकार के गठन, नए मंत्रिमंडल और संबंधित पक्षों बातचीत हुई है। प्रारंभिक तौर पर गडकरी ने कई मौकों पर स्पष्ट किया है कि वह महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री बनने के इच्छुक नहीं हैं। इससे संबंधित एक घटनाक्रम के तहत जलगांव में बड़ी संख्या में भाजपा कार्यकर्ताओं ने विधानसभा में पूर्व नेता प्रतिपक्ष और भाजपा नेता एकनाथ खडसे के समर्थन में नारेबाजी की। कार्यकर्ताओं ने कहा कि चूंकि उत्तरी महाराष्ट्र को मुख्यमंत्री का पद कभी नहीं दिया गया, लिहाजा उनके (खडसे) नाम पर विचार किया जाना चाहिए। भाजपा की राज्य इकाई के पूर्व अध्यक्ष सुधीर मुनगंटीवार ने अपनी मांग दोहराते हुए कहा है कि गडकरी जैसे एक वरिष्ठ और अनुभवी व्यक्ति को राज्य का मुख्यमंत्री बनाया जाना चाहिए। चंद्रपुर में एक निजी टीवी चैनल से बातचीत में मुनगंटीवार ने कहा कि फडणवीस भी अगले मुख्यमंत्री के रूप में गडकरी के पक्ष में हैं। यद्यपि राज्य भाजपा नेताओं ने मुनगंटीवार के बयान पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। राज्य में भाजपा के नेतृत्व वाले गठबंधन में शामिल होने को लेकर शिव सेना की उत्सुकता के बीच भाजपा के भीतर मुख्यमंत्री पद को लेकर कई दावेदार उठ खड़े हुए हैं। भाजपा और शिव सेना के बीच नई सरकार के गठन को लेकर अगले सप्ताह से औपचारिक बातचीत शुरू हो सकती है और अक्टूबर के अंत तक कोई निर्णय लिया जा सकता है। हाल के विधानसभा चुनाव में भाजपा सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी है, जिसके पास 122 सीटें हैं। एक सीट उसके सहयोगी दल ने जीती है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ने भाजपा को बिना शर्त समर्थन देने की पेशकश की है, जिसपर भाजपा की प्रतिक्रिया अभी तक ठंढी रही है।

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