• बंकरों के निर्माण में पाक सेना डालेगी खलल

    जम्मू सीमा के गांवों से (जम्मू कश्मीर) ! आने वाले दिन जम्मू सीमा पर रहने वालों के लिए परेशानी का सबब बनने जा रहे हैं। अगर राज्य सरकार पाक गोलाबारी से सीमावासियों को बचाने की खातिर बंकरों का निर्माण करना चाहती है तो पाकिस्तान ऐसे बंकरों के निर्माण को रुकवाने पर आमदा है। इसके लिए उसने अब सीधे तौर पर धमकी देते हुए सीमा पर 'मुहंतोड़ और जबरदस्तÓ गोलाबारी की बात कही है। ...

    जम्मू सीमा पर हो सकता है घमासान, पिसेंगे सीमावासीजम्मू सीमा के गांवों से (जम्मू कश्मीर) !  आने वाले दिन जम्मू सीमा पर रहने वालों के लिए परेशानी का सबब बनने जा रहे हैं। अगर राज्य सरकार पाक गोलाबारी से सीमावासियों को बचाने की खातिर बंकरों का निर्माण करना चाहती है तो पाकिस्तान ऐसे बंकरों के निर्माण को रुकवाने पर आमदा है। इसके लिए उसने अब सीधे तौर पर धमकी देते हुए सीमा पर 'मुहंतोड़ और जबरदस्तÓ गोलाबारी की बात कही है। वैसे यह पहला मौका नहीं है कि पाकिस्तान ने जम्मू सीमा पर बंकरों के निर्माण पर आपत्ति उठाई हो पर यह पहला अवसर है कि उसने सीजफ ायर के दौरान ऐसी धमकी देकर सीमावासियों को दहशतजदा कर दिया है। याद रहे अगले महीने की 26 तारीख को जम्मू कश्मीर की सीमाओं पर जारी सीजफ ायर 12 साल पूरे करने जा रहा है। दरअसल पिछले कुछ महीनों से जम्मू सीमा जो इंटरनेशन बॉर्डर है पर पाक सेना जबरदस्त गोलाबारी कर मासूम नागरिकोंं को पलायन के लिए मजबूर कर चुकी है। पाक गोलाबारी 198 किमी लंबे इंटरनेशनल बॉर्डर पर 10 लोगों की जानें ले चुकी है और सैंकड़ों मकानों को धराशाई कर चुकी है। सैंकड़ों बेजुबान पशु भी इस दौरान मारे जा चुके हैं। पाक गोलाबारी के कारण सिर्फ  जम्मू सीमा के विभिन्न इलाकों से 60 हजार लोग पलायन कर राहत शिविरों के साथ-साथ अपने रिश्तेदारों के घरों में शरण लिए हुए हैं। इस धमकी के पीछे पाकिस्तान तर्क देता है कि जम्मू का बॉर्डर वर्किंग बाउंडरी है और वर्ष 2010 में हुए समझौते के तहत 500 मीटर के भीतर कोई निर्माण नहीं हो सकता। जबकि बंकरों का निर्माण गांवों के भीतर होने जा रहा है जो जीरो लाइन से 500 मीटर से 3 किमी पीछे है। हालांकि वर्ष 1995 में जब जम्मू सीमा पर तारबंदी का कार्य आरंभ हुआ था तो उस समय भी बंकरों के निर्माण पर आपत्ति करते हुए पाकिस्तानी सेना ने जबरदस्त गोलाबारी कर सीमांत क्षेत्रों में भारी तबाही मचाई थी। नतीजतन स्थिति यह है कि 198 किमी लंबी जम्मू सीमा पर रहने वाले लाखों लोगों की जिन्दगी बदहाल होने जा रही है जो घरों को छोड़ कर शरणार्थी शिविरों में रह रहे हैं उनकी घर वापसी अब मुश्किल लगने लगी है। कु ल मिलाकर सीमावासियों की परेशानी कम होने का नाम ले रही है। इससे पहले भी हो रही गोलीबारी से परेशान होकर हजारों लोग अपना घर छोड़कर दूसरी जगह शरण लिए हुए हैं। सीमावासियों को बचाने की खातिर बंकरों का निर्माण करना चाहता है भारतपाक को बंकरों का निर्माण मंजूर नहीं, भारी गोलीबारी की दी धमकी

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