• रामदेव व कांग्रेस के बीच बढ़ रही नजदीकी

    नई दिल्ली ! दीपावली से ठीक एक दिन पहले बाबा रामदेव और मुख्यमंत्री हरीश रावत के रिश्ते जगमग हो गए। बाबा केदारनाथ के दर्शन करने के बाद योगगुरु बाबा रामदेव ने मुख्यमंत्री हरीश रावत की जमकर प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि हरीश रावत में कुछ तो विशेषता जरूर है, तभी वह उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हैं।...

    दीपावली पर दुश्मन हुए दोस्त नई दिल्ली !   दीपावली से ठीक एक दिन पहले बाबा रामदेव और मुख्यमंत्री हरीश रावत के रिश्ते जगमग हो गए। बाबा केदारनाथ के दर्शन करने के बाद योगगुरु बाबा रामदेव ने मुख्यमंत्री हरीश रावत की जमकर प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि हरीश रावत में कुछ तो विशेषता जरूर है, तभी वह उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हैं।मुख्यमंत्री ने खुद पहल करते हुए योगगुरु को केदारनाथ की यात्रा का न्योता दिया, दूसरी ओर बाबा रामदेव ने केदारनाथ के कार्यों पर प्रदेश सरकार को क्लीन चिट दे दी है। बाबा ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि वह साधु हैं और साधु की प्रवृत्ति क्षमा करने की ही होती है। दीपावली के अवसर पर उत्तराखंड कांग्रेस सरकार ने एक अच्छा प्रयास करते हुए एक कदम उनकी ओर बढ़ाया तो उन्होंने कई किलोमीटर का फासला तय कर लिया। मुक्तकंठ से केदारनाथ में कराए गए कामों की प्रशंसा के साथ ही राज्य सरकार की सराहना की। स्वामी रामदेव ने कहा कि उनका राजनीति से कोई संबंध नहीं है। न ही वह राजनीति में उतरे हैं। संबंध बनाने से बनते हैं। बाबा रामदेव का कहना है कि नरेंद्र मोदी बीजेपी के नहीं बल्कि देश की जनता के प्रधानमंत्री हैं, उसी प्रकार हरीश रावत कांग्रेस के नहीं प्रदेश की जनता के मुख्यमंत्री हैं। भाजपा के लिए झटका साबित हो रहा मिलन मुख्यमंत्री हरीश रावत और बाबा रामदेव का एक दूसरे के नजदीक आना उत्तराखंड भाजपा के लिए राजनीतिक झटके से कम नहीं है। भाजपा बाबा रामदेव को स्वाभाविक सहयोगी मानकर चलती रही है और कांग्रेस को बाबा का सियासी दुश्मन।  भलेही बाबा कांग्रेस का समर्थन नहीं करें, लेकिन मुख्यमंत्री के साथ उनकी बढ़ती नजदीकी से परंपरागत राजनीतिक मनोविज्ञान बदल जाएगा।  तो  फकीर होते मोदी..बाबा रामदेव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को हिमालय का सबसे बड़ा प्रशंसक बताया। उन्होंने कहा कि हिमालय से लगाव के चलते ही मोदी उत्तराखंड के विकास को प्रतिबद्ध हैं। इतना तय है कि यदि नरेंद्र मोदी राजनीति में आकर प्रधानमंत्री न बनते तो मेरी तरह फकीर होते।दर्ज हुए थे 80 से ज्यादा मुकदमे पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा के कार्यकाल में तो बाबा रामदेव के प्रतिष्ठानों पर एक ही दिन में 80 से ज्यादा मुकदमे दर्ज कर दिए थे। इससे पहले मुख्यमंत्री हरीश रावत के आग्रह पर  बाबा रामदेव, आचार्य बालकृष्ण और सीएम के सलाहकार रणजीत सिंह रावत के साथ   केदारनाथ पहुंचे।सोनिया-राहुल के सवाल पर चुप्पी साधीयोगगुरु रामदेव ने उत्तराखंड की कांग्रेस सरकार को क्षमा कर दिया। कांग्रेस शासित राज्यों से अपील करते हुए उन्होंने कहा कि अगर संबंधित राज्यों की सरकारें योगपीठ से किसी तरह का सहयोग मांगेंगी तो वह देने को तैयार हैं। लेकिन लगता है अभी कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल को लेकर उनकी राय नहीं बदली है। सोनिया व राहुल को लेकर उनकी राय संबंधी सवाल पर उन्होंने कहा कि अभी यह प्रश्न नहीं है। हमारा राजनीति से कोई संबंध नहीं है। न ही हम राजनीति में उतरे हैं। संबंध बनाने से बनते हैं। नरेंद्र मोदी भाजपा के नहीं बल्कि देश की जनता के प्रधानमंत्री हैं, उसी प्रकार हरीश रावत कांग्रेस के नहीं प्रदेश की जनता के मुख्यमंत्री हैं। हमें मिलकर देवभूमि उत्तराखंड का विकास करना है : बाबा रामदेव

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