• भारत ने कभी नहीं तोड़ा संघर्ष विराम : राजनाथ

    ग्रेटर नोएडा ! केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को कहा कि भारत ने पाकिस्तान के साथ वर्ष 2003 में हुए संघर्ष विराम संधि का कभी उल्लंघन नहीं किया। जम्मू एवं कश्मीर से लगती अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर संघर्ष विराम का उल्लंघन करने के पाकिस्तान के आरोपों पर राजनाथ ने कहा, "भारत ने कभी संघर्ष विराम का उल्लंघन नहीं किया। यह शांति में यकीन रखने वाला देश है।"...

    ग्रेटर नोएडा !  केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को कहा कि भारत ने पाकिस्तान के साथ वर्ष 2003 में हुए संघर्ष विराम संधि का कभी उल्लंघन नहीं किया। जम्मू एवं कश्मीर से लगती अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर संघर्ष विराम का उल्लंघन करने के पाकिस्तान के आरोपों पर राजनाथ ने कहा, "भारत ने कभी संघर्ष विराम का उल्लंघन नहीं किया। यह शांति में यकीन रखने वाला देश है।"उन्होंने कहा, "पिछले दो दिनों में पाकिस्तान ने संघर्ष विराम का उल्लंघन किया है। यहां तक कि उन्होंने दिवाली के दिन भी गोलीबारी की।"पाकिस्तानी बलों की ओर से संघर्ष विराम उल्लंघन की नवीनतम घटना गुरुवार को दिवाली के दिन हुई, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कश्मीर के दौरे पर हैं।राजनाथ ने यहां सूरजपुर में भारत-तिब्बत सीमा पुलिस के 53वें स्थापना दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में ये बातें कही।गृहमंत्री ने पाकिस्तान को चेतावनी देते हुए कहा, "भारत उचित जवाब देने में सक्षम है। मैं पाकिस्तान से कहना चाहता हूं कि वह संघर्ष विराम का लगातार हो रहा उल्लंघन बंद करे।"चीन के साथ हालिया सीमा विवाद का जिक्र करते हुए मंत्री ने कहा, "हमें वार्ता के जरिए चीन के साथ सीमा विवाद समाप्त करना चाहिए। हम सम्मान के साथ शांति चाहते हैं। शांति सम्मान की कीमत पर नहीं आ सकती।"उन्होंने कहा, "जब हमें पाकिस्तान की तरफ से किए जा रहे संघर्ष विराम उल्लंघन की जानकारी मिलती है या भारत-चीन सीमा पर कोई विवाद होता है, हमें दुख होता है और हमें गुस्सा आता है।"राजनाथ ने कहा कि मोदी ने यह स्पष्ट किया है कि नई दिल्ली सरकार अपने सभी पड़ोसी देशों के साथ शांतिपूर्ण रिश्ता चाहता है और शांतिपूर्ण तरीके से सीमा विवाद सुलझाना चाहती है।उन्होंने कहा, "हमारे प्रधानमंत्री ने चीनी राष्ट्रपति से कहा और उनसे अनुरोध किया कि अगर कोई विवाद है, तो हमें वार्ता करनी चाहिए।"गृहमंत्री ने कहा कि चीन अक्सर सीमा के मुद्दे को उठाता है और जब भी भारत सीमावर्ती इलाके में आधारभूत संरचना में सुधार चाहता है, वह आपत्ति जताता है।चीन ने 15 अक्टूबर को सीमावर्ती क्षेत्र में भारत की तरफ से सड़क बनाए जाने पर आपत्ति जताते हुए कहा था कि भारत को ऐसा कोई कदम नहीं उठाना चाहिए, जो विवादित सीमा पर हालात को कठिन बना दे।चीन की तरफ से यह प्रतिक्रिया मंगलवार को गृह राज्यमंत्री किरन रिजिजु के उस बयान पर आई थी, जब उन्होंने कहा था कि अंतर्राष्ट्रीय सीमा के पास अरुणाचल प्रदेश के तावांग जिले के मागो-थिंगबु और चांगलांग के विजयनगर के बीच 2,000 किलोमीटर लंबी सड़क बनाई जाएगी।

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