• परमाणु अप्रसार संधि पर हस्ताक्षर से इनकार,भारत अपने पुराने रुख पर कायम

    संयुक्तराष्ट्र ! भारत ने परमाणु हथियारों का पहले इस्तेमाल न करने और परमाणु हथियार विहीन देशों पर हमला न करने की अपनी पारंपरिक नीति को दोहराते हुए ऐसे समझौतों में शामिल होने की पेशकश की है, जिसमें ये दोनों सिद्धांत शामिल हों। लेकिन भारत ने परमाणु अप्रसार संधि पर हस्ताक्षर करने से एक बार फिर इनकार कर दिया है। संयुक्त राष्ट्र में भारत के राजदूत डीबी वेंकटेश वर्मा ने कहा कि एक जिम्मेदार परमाणु संपन्न देश होने के नाते भारत की,...

    संयुक्तराष्ट्र  !   भारत ने परमाणु हथियारों का पहले इस्तेमाल न करने और परमाणु हथियार विहीन देशों पर हमला न करने की अपनी पारंपरिक नीति को दोहराते हुए ऐसे समझौतों में शामिल होने की पेशकश की है, जिसमें ये दोनों सिद्धांत शामिल हों। लेकिन भारत ने परमाणु अप्रसार संधि पर हस्ताक्षर करने से एक बार फिर इनकार कर दिया है। संयुक्त राष्ट्र में भारत के राजदूत डीबी वेंकटेश वर्मा ने कहा कि एक जिम्मेदार परमाणु संपन्न देश होने के नाते भारत की, प्रथम परमाणु हथियार इस्तेमाल न करने और परमाणु हथियार विहीन देश पर हमला न करने पर आधारित एक विश्वसनीय न्यूनतम प्रतिरोधात्मक नीति है। हम इसे द्विपक्षीय या बहुपक्षीय कानूनी रूप से बाध्यकारी व्यवस्थाओं में बदलने के लिए तैयार हैं। निशस्त्रीकरण सम्मेलन में भारत के स्थाई प्रतिनिधि वर्मा निशस्त्रीकरण एवं अंतरराष्टï्रीय शांति पर संयुक्त राष्ट्र महासभा की समिति की एक बैठक में बोल रहे थे। वर्मा ने कहा कि भारत सार्वभौमिक, गैर-भेदभावपूर्ण, प्रामाणीकृत परमाणु निरस्त्रीकरण की अपनी प्रतिबद्धता पर अडिग है, लेकिन परमाणु संपन्न देश होने के नाते भारत के अप्रसार संधि में शामिल होने का कोई सवाल ही पैदा नहीं होता। इसके लिए भारत को अपने परमाणु हथियारों को एकतरफा त्यागने की जरूरत होगी। परमाणु हथियारों पर प्रतिबंध को प्रभावित करने वाले एक अन्य मामले पर वर्मा ने विखंडनीय सामग्री कटौती संधि (एफएमसीटी) पर बातचीत को नई दिल्ली का समुचित समर्थन देने की पेशकश की।

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