• फडनवीस व गडकरी के बीच सिमटी मुख्यमंत्री पद की दौड़

    मुंबई ! महाराष्ट्र में विधानसभा चुनावों के बाद सबसे बड़े दल के रूप में उभरी भारतीय जनता पार्टी में मुख्यमंत्री पद की दौड़ अब महाराष्टï्र भाजपा अध्यक्ष देवेंद्र फडनवीस और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के बीच सिमट गई है। विदर्भ के अधिकांश विधायकों के गडकरी के पक्ष में खुलकर आने के बाद वह दौड़ में आ गए हैं। लेकिन मोदी व संघ के करीबी फडनवीस का दावा सबसे मजबूत माना जा रहा है।...

    मुंबई !  महाराष्ट्र में विधानसभा चुनावों के बाद सबसे बड़े दल के रूप में उभरी भारतीय जनता पार्टी में मुख्यमंत्री पद की दौड़ अब महाराष्टï्र भाजपा अध्यक्ष देवेंद्र फडनवीस और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के बीच सिमट गई है। विदर्भ के अधिकांश विधायकों के गडकरी के पक्ष में खुलकर आने के बाद वह दौड़ में आ गए हैं। लेकिन मोदी व संघ के करीबी फडनवीस का दावा सबसे मजबूत माना जा रहा है। भले ही गडकरी मुख्यमंत्री बनने की बात से सार्वजनिक रूप से इनकार कर रहे हो, लेकिन उन्होंने इस मामले की जिम्मेदारी पार्टी नेतृत्व पर डाल कर यह संकेत दे दिए हैं कि यदि पार्टी उन्हें यह जिम्मेदारी देगी, तो वह इनकार नहीं करेंगे। इस बीच गडकरी के पक्ष में विधायकों की लामबंदी से केंद्रीय नेतृत्व खुद नजर नहीं आ रहा है। गडकरी के मैदान में आने के बाद से दोनों ही के समर्थक लामबंद होना भी शुरू हो गए हैं। गडकरी के समर्थन में जिस तेजी से विधायकों का समर्थन बढ़ता जा रहा है, उससे फडनवीस के लिए स्थितियां जटिल होती जा रही है। लेकिन फडनवीस के साथ में सबसे बड़ी बात यही है कि भाजपा ने चुनावों में साफ किया था कि वह विधायकों के बीच से ही नेता चुनेगी, जबकि गडकरी ने विधानसभा चुनाव लड़ा ही नहीं था। लेकिन  नागपुर पूर्व से विधायक कृष्णा खोपडे ने कहा कि अगर गडकरी मुख्यमंत्री बनते हैं तो वह अपनी सीट उनके लिए छोडने को तैयार हैं। उल्लेखनीय है राज्य में 15 अक्टूबर को हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरकर सामने आई है। भाजपा को सर्वाधिक 123 सीटें मिली है जबकि दूसरे स्थान पर शिवसेना है जिसे 63 सीटों पर जीत हासिल हुई है।  भाजपा के सांसद किरीट सोमैया ने दावा किया है  कि उनकी पार्टी को 12 अन्य विधायकों का समर्थन मिला गया है। लेकिन सरकार बनाने के लिए 145 सीटों की जरूरत है। भाजपा के सूत्रों के अनुसार शिव सेना के साथ कोई चर्चा नहीं हुई  है। सूत्रों ने इस आशय की रिपोर्ट को निराधार बताया कि शिवसेना को आधा मंत्री पद देने का प्रस्ताव किया गया है। राजनीतिक हलकों में यह चर्चा भी है कि भाजपा के अलावा अन्य तीनों पार्टियों में से यदि 22 सदस्य भाजपा में शामिल हो जाय तो वह अकेले की सरकार बना सकती है। तलाशी जा रही हैं सुलाह की संभावनाएंविधानसभा चुनावों में सीटों के बंटवारे पर बात नहीं बनने के बाद दोनों दल अलग-अलग चुनाव लड़े। भाजपा के सबसे बड़े दल के रूप में उभरने के बाद एक बार फिर भाजपा और शिवसेना के नेताओं द्वारा सुलह के रास्ते तलाशे जा रहे हैं।  भाजपा की सरकार में शिवसेना शामिल हो अथवा वह उसे बाहर से समर्थन दे। भाजपा ने शिवसेना के साथ रिश्ते बहाल करने के विकल्प खुले रखे हैं।26 को मोदी-उद्धव मुलाकात संभवप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दीपावली के बाद राजग सहयोगियों को दिए गए रात्रि भोज पर नरेंद्र मोदी व उद्धव ठाकरे की मुलाकात हो सकती है। भाजपा द्वारा रात्रि भोज का निमंत्रण शिवसेना को भी भेजा गया है और संभावना है उद्धव ठाकरे इस भोज में शामिल होंगे। इस दौरान महाराष्टï्र सरकार गठन को लेकर उनकी प्रधानमंत्री से चर्चा हो सकती है।25 को होगी विधायक दल की बैठकभाजपा-शिवसेना के बीच चल रही जोर आजमाइश के कारण भाजपा ने पार्टी विधायक दल की बैठक दीपावली के बाद तक के लिए टाल दी। 26 अक्टूबर को प्रधानमंत्री द्वारा राजग सहयोगियों के लिए दिए गए रात्रि भोज से पहले 25 अक्टूबर को महाराष्टï्र भाजपा विधायकों की बैठक बुलाई जा सकती है और इसी बैठक में पार्टी मुख्यमंत्री का चयन करेगी। मुख्यमंत्री की दौड़ में फडनवीस सबसे आगे माने जा रहे हैं।

अपनी राय दें