• शारदा घोटाले की जांच रपट सार्वजनिक हो : भाजपा

    कोलकाता ! भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने शारदा घोटाले की जांच के लिए न्यायमूर्ति श्यामल सेन आयोग के गठन को राजनीतिक हथकंडा बताते हुए बुधवार को पश्चिम बंगाल सरकार से मांग की कि आयोग की रपट सार्वजनिक की जाए। इलाहाबाद उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली इस समिति का कार्यकाल बुधवार को समाप्त हो गया। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 2013 में इस आयोग का गठन किया था।...

     कोलकाता !  भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने शारदा घोटाले की जांच के लिए न्यायमूर्ति श्यामल सेन आयोग के गठन को राजनीतिक हथकंडा बताते हुए बुधवार को पश्चिम बंगाल सरकार से मांग की कि आयोग की रपट सार्वजनिक की जाए। इलाहाबाद उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली इस समिति का कार्यकाल बुधवार को समाप्त हो गया। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 2013 में इस आयोग का गठन किया था।राज्य भाजपा इकाई के अध्यक्ष राहुल सिन्हा ने कहा कि केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा की जा रही जांच में रुकावट डालने के लिए इस आयोग का गठन किया गया था।सिन्हा ने यहां संवाददाताओं से कहा, "आयोग ने न तो शारदा की संपत्ति को बेचने के लिए कुछ किया और न ही इसमें शामिल लोगों की पहचान उजागर करने के लिए कुछ किया, जबकि इसके लिए उसे अधिकार दिया गया था।"सिन्हा ने कहा, "इसलिए हमारी मांग है कि राज्य सरकार को आयोग को अपनी रपट जमा करने के लिए कहना चाहिए और उसके बाद उसे सार्वजनिक करना चाहिए, ताकि इसकी मंशा का पता चल सके।"सिन्हा ने ममता बनर्जी के इस दावे को भी गलत बताया कि उनकी सरकार ने पांच लाख निवेशकों को हुए नुकसान की भरपाई की है।उन्होंने कहा, "वह दावा कर रही हैं कि पांच लाख को सहायता दी गई है। लेकिन सच्चाई यह है कि वास्तविक संख्या काफी कम है। आयोग ने अपनी वेबसाइट पर कहा है कि अब तक उसने 3 लाख, 95 हजार 162 चेक का भुगतान किया है।"सिन्हा ने कहा, "निवेशकों को कई चेक दिए गए हैं। इसलिए लाभार्थियों की वास्तविक संख्या बहुत कम है। इससे साफ पता चलता है कि मुख्यमंत्री गलत दावा कर रही हैं।"कांग्रेस ने भी आयोग की यह कह कर आलोचना की है कि इसका गठन तृणमूल नेताओं को बचाने के लिए किया गया है।राज्य कांग्रेस इकाई के अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने कहा, "आयोग एक ढोंग है। इसका गठन घोटाला में शामिल तृणमूल नेताओं को बचाने के लिए किया गया था। अच्छा है कि इसका कार्यकाल समाप्त हो गया।"

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