• जबलपुर में भूकंप के झटके, कच्चे मकानों में दरारें

    जबलपुर ! मध्य प्रदेश के जबलपुर में 17 वर्ष बाद एक बार फिर बुधवार की सुबह भूकंप के झटके महसूस किए गए। इनकी तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 2़ 8 आंकी गई। भूकंप के झटके से किसी तरह की जन व धन हानि नहीं हुई है, मगर कच्चे मकानों में दरारें हो गई हैं। बताया गया है कि बुधवार की सुबह लगभग 10 बजकर 50 मिनट पर शहरवासियों ने जमीन हिलने को महसूस किया। इससे लोग डर गए और घरों से बाहर निकल आए। ...

    जबलपुर  !   मध्य प्रदेश के जबलपुर में 17 वर्ष बाद एक बार फिर बुधवार की सुबह भूकंप के झटके महसूस किए गए। इनकी तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 2़ 8 आंकी गई। भूकंप के झटके से किसी तरह की जन व धन हानि नहीं हुई है, मगर कच्चे मकानों में दरारें हो गई हैं। बताया गया है कि बुधवार की सुबह लगभग 10 बजकर 50 मिनट पर शहरवासियों ने जमीन हिलने को महसूस किया। इससे लोग डर गए और घरों से बाहर निकल आए। कम तीव्रता वाले इस भूकंप का झटका लगभग पांच किलोमीटर की परिधि में महसूस किया गया। जिलाधिकारी एसएन रुपला ने आईएएनएस को भूकंप के झटके की पुष्टि करते हुए बताया है कि इसकी तीव्रता बहुत कम थी, इसके चलते किसी तरह का नुकसान नहीं हुआ है। शहर के अधिकांश हिस्सों में एक बार ही भूकंप का झटका महसूस किया गया जबकि सिविक सेंटर, तीन पत्ती, मोटर स्टैंड, राइट टाउन आदि इलाकों में दो बार कुछ अंतराल के बाद कंपन हुआ। नगर के गोपाल होटल, लालमाटी, सिद्घबाबा, सिंधी कैम्प, घमापुर क्षेत्र में भूकम्प ने सुबह-सुबह हलचल मचा दी। कहीं-कहीं थोड़ी देर के लिए यातायात थम गया। ठक्कर ग्राम पसियाना शास्त्री वार्ड मोहरिया में भी लोग घर से निकलकर खुले आसमान की तरफ भागे। यादव कालोनी, अग्रवाल कलोनी, गुलौआ में भी भूकम्प ने लोगों को परेशान कर डाला।भूकंप जबलपुर के शहरी क्षेत्र में ही केन्द्रित था। उपनगरीय क्षेत्र गढ़ा, सदर, गोरखपुर, रांझी, खमरिया, गौर, बिलहरी, आधारताल सहित ग्रामीण इलाकों शहपुरा, कटंगी, मझौली, पाटन, बरगी, सिहोरा में भूकंप का झटका महसूस किया गया। जबलपुर के नर्मदा घाटी का क्षेत्र होने के कारण भूकंप की दृष्टि से संवेदनशील इलाके में आता है। भूकंप का क्षेत्र जबलपुर में 23़ 1 डिग्री उत्तर और 79़ 6 डिग्री पूर्व रहा। करीब पांच किलोमीटर क्षेत्र में इसका असर रहा और इसकी गहराई करीब पांच किलोमीटर थी। शहर के अलावा ग्रामीण क्षेत्र में भी भूकम्प ने जमीन को हिला दिया। सिहोरा में सुबह पौने ग्यारह बजे के बाद अचानक धरती डोली। जिससे लोगों में भगदड़ व दहशत का माहौल बन गया। कुछ घरों में बर्तन गिरे और अलमारी तक पलट गई। कच्चे घरों की दीवार में दरार आई है। जबलपुर के लोगों को 22 मई 1997 की याद ताजा हो गई। उस दिन आए भूकंप ने जमकर तबाही मचाई थी। उस समय भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 6़ 3 थी, जो लगभग 30 सेकेंड तक रहा जिसमें शहर में भारी जानमाल का नुकसान हुआ था। वैसे बुधवार का भूकम्प महज छह सेकेंड का रहा जो रिक्टर पैमाने पर 2़ 8 आंका गया है। इसलिए लोगों ने केवल कम्पन ही महसूस किया और किसी तरह के जानमाल की क्षति की नहीं हुई।बुधवार को पूरे दिन जबलपुर में दशहत का माहौल रहा मगर शाम होने तक लोग दिवाली की तैयारियों में जुट गए मगर चर्चाओं का दौर नहीं थमा है और आशंका से लोग परेशान हैं।

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