• परम्परा व आधुनिकता के बीच सोने की खनक बरकरार

    नई दिल्ली ! सोना पुरातन काल से ही सभी को आकर्षित करता रहा है जो आज भी जारी है। वैसे तो सोने की मांग पूरे वर्ष बनी रहती है लेकिन धनतेरस के दिन इसकी मांग अन्य दिनों की तुलना कई गुणा बढ़ जाती है क्योंकि लोकमान्यता है कि इस दिन खरीदा गया सोना घर में बरकत लाने वाला होता है। पिछले चार दशक के दौरान सोने की कीमतें 50 गुणा तक बढ गई हैं लेकिन इसके बावजूद लोगों की दीवानगी इस पीली धातु की तरफ बढ़ती ही जाती है। धनतेरस और दीपावली के त्योहार में अभी कुछ दिन शेष है लेकिन लोगों ने सोने चांदी और हीरे की खरीदारी अभी से शुरू कर दी है।...

    भारतीयों में सबसे लोकप्रिय सोनाचार दशक में पचास गुना बढ़ी सोने की कीमतनई दिल्ली !  सोना पुरातन काल से ही सभी को आकर्षित करता रहा है जो आज भी जारी है। वैसे तो सोने की मांग पूरे वर्ष बनी रहती है लेकिन धनतेरस के दिन इसकी मांग अन्य दिनों की तुलना कई गुणा बढ़ जाती है क्योंकि लोकमान्यता है कि इस दिन खरीदा गया सोना घर में बरकत लाने वाला होता है। पिछले चार दशक के दौरान सोने की कीमतें 50 गुणा तक  बढ गई हैं लेकिन इसके बावजूद लोगों की दीवानगी इस पीली धातु की तरफ बढ़ती ही जाती है। धनतेरस और दीपावली के त्योहार में अभी कुछ दिन शेष है लेकिन लोगों ने सोने चांदी और हीरे की खरीदारी अभी से शुरू कर दी है। धनतेरस के दिन तक इसके कई गुणा तक बढऩे की संभावना जताई जा रही है।  कारोबारियों का कहना है कि पिछले वर्ष की तुलना में सोने की कीमत में गिरावट का फायदा भी लोग जमकर उठा रहे हैं। कारोबारी कहते है कि एक साल पूर्व जहां 24 कैरेट सोने का मूल्य प्रति दस ग्राम 35 हजार रूपये था वहीं पिछले एक साल के दौरान यह करीब 25 प्रतिशत गिरकर 27 हजार के आस पास बना हुआ है। कारोबारियों का मानना है कि हाल ही में समाप्त हुए त्योहारी मौसम और  आने वाले शादी-ब्याह के सीजन को लेकर लोग सोने की खरीदारी कर रहे हैं। सोने से मिलने वाले रिटर्न की बात की जाये तो कुछ अपवादों को छोड़कर पिछले एक दशक के दौरान इस धातु ने प्रतिवर्ष औसतन दस से पंद्रह फीसदी का रिटर्न दिया है। पिछले एक साल के दौरान सोने की दामों में गिरावट के बावजूद भी सोने में निवेश करने वाले लोग काफी हद तक निश्चिंत नजर आ रहे हैं। भारतीयों में सबसे लोकप्रिय सोनासोने की लोकप्रियता के पीछे एक कारण यह भी है कि बैंक और डाकघर के बाद यदि आम भारतीय किसी जगह अपना पैसा लगाना चाहता हैं तो उनकी पहली पसंद पीली धातु (सोना) होती है क्योंकि लोग इसमें किए निवेश को सर्वाधिक सुरक्षित मानते है और उन्हें भरोसा रहता है कि इसमें लगाया पैसा उन्हें फायदा पहुंचा सकता है। साथ ही सोने को बैंको और निजी फाइनेंस कंपनियों में रखकर गोल्ड लोन भी लिया जा सकता है। 1975 में 540 प्रति दस ग्राम थी कीमतवर्ष 1975 में सोने की कीमत प्रति दस ग्राम जहां 540 रूपये थी वह अगले पांच साल में बढ़कर 1330 तक पहुंच गयी। यह सिलसिला पिछले चार दशक से जारी है। वर्ष 1990 में जहां सोना 3200 रूपये था वहीं साल 2000 में इसकी कीमत बढ़कर 4400 रूपये हो गयी। साल 2010 में यह करीब चार गुणा बढ़कर 16350 रूपये तक पहुंच गया। अगले तीन साल तक यह सिलसिला बदस्तूर जारी रहा और पिछले साल यानि 2013 में इसकी कीमत 35 हजार प्रति दस ग्राम तक जा पहुंची।

अपनी राय दें