• हरियाणा के 83 फीसदी विधायक करोड़पति

    चंडीगढ़ ! हरियाणा की 13वीं विधानसभा के लिए निर्वाचित 83 फीसदी से अधिक विधायक करोड़पति हैं। एक शोध में सोमवार को यह दावा किया गया। हरियाणा इलेक्शन वॉच (एचईडब्ल्यू) तथा एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) ने कहा कि नई विधानसभा के लिए निर्वाचित विधायकों की औसत संपत्ति 12.97 करोड़ रुपये है। पिछली विधानसभा यानी 2009 में निर्वाचित विधायकों की औसत संपत्ति 6.71 करोड़ रुपये थी।...

    चंडीगढ़ ! हरियाणा की 13वीं विधानसभा के लिए निर्वाचित 83 फीसदी से अधिक विधायक करोड़पति हैं। एक शोध में सोमवार को यह दावा किया गया। हरियाणा इलेक्शन वॉच (एचईडब्ल्यू) तथा एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) ने कहा कि नई विधानसभा के लिए निर्वाचित विधायकों की औसत संपत्ति 12.97 करोड़ रुपये है। पिछली विधानसभा यानी 2009 में निर्वाचित विधायकों की औसत संपत्ति 6.71 करोड़ रुपये थी। एडीआर के अध्ययन के मुताबिक, इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) के विधायक सबसे अमीर हैं, जिनकी औसत संपत्ति 13.01 करोड़ रुपये है। इसके बाद कांग्रेस है, जिसके विधायकों की औसत संपत्ति 12.45 करोड़ रुपये है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायकों की औसत संपत्ति 10.5 करोड़ रुपये है। निर्वाचित पांच निर्दलीय विधायकों की औसत संपत्ति 13.95 करोड़ रुपये है। अध्ययन के मुताबिक, 90 सीटों वाले विधानसभा में इस बार 21 विधायक निर्वाचित हुए हैं। दोबारा चुने गए विधायकों की औसत संपत्ति 2009 में 4 करोड़ रुपये थी, जो इस बार बढ़कर 13.8 करोड़ रुपये हो गई है। दोबारा चुने गए विधायकों की संपत्ति में 9.8 करोड़ रुपये (245 फीसदी) का इजाफा हुआ है। पार्टीगत रूप में देखें, तो कांग्रेस के विधायकों की संपत्ति में 8.49 करोड़ रुपये, इनेलो के विधायकों की संपत्ति में 8.22 करोड़ रुपये, जबकि भाजपा के विधायकों की संपत्ति में 2.13 करोड़ रुपये का इजाफा हुआ है। फरीदाबाद सीट से जीते विपुल गोयल द्वारा 106 करोड़ रुपये की संपत्ति की घोषणा के साथ वह राज्य के सबसे अमीर विधायक बन गए हैं। उन्होंने 43 करोड़ रुपये का कर्ज भी दिखाया है, जो जीतने वाले विधायकों में सर्वाधिक है। अन्य अमीर विधायकों में हरियाणा जनहित कांग्रेस (हजकां) के अध्यक्ष कुलदीप विश्नोई (80 करोड़ रुपये), उनकी पत्नी रेणुका विश्नोई (80 करोड़ रुपये), भाजपा के अभिमन्यु (77 करोड़ रुपये) तथा इनेलो के अभय चौटाला (43 करोड़ रुपये) हैं। एडीआर के अध्ययन के मुताबिक, निर्वाचित 10 फीसदी विधायकों पर आपराधिक मामले दर्ज हैं।

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