• ऊर्वरक कंपनियों पर सरकार मेहरबान

    नई दिल्ली ! प्राकृतिक गैस की कीमत करीब दो डॉलर बढ़ाने का फैसला लिए जाने के बाद पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने सोमवार को ऊर्वरक कंपनियों को आश्वासन देते हुए कहा कि सरकार गैस मूल्य बढऩे के बाद ऊर्वरक कंपनियों को अतिरिक्त सब्सिडी देगी। प्रधान ने यहां एक समाचार चैनल से कहा कि एक व्यवस्था के तहत सरकार पहले से ही ऊर्वरक क्षेत्र को सब्सिडी देती है। उन्होंने कहा कि नया फॉर्मूला बनाया जा रहा है।...

    नई दिल्ली !   प्राकृतिक गैस की कीमत करीब दो डॉलर बढ़ाने का फैसला लिए जाने के बाद पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने सोमवार को ऊर्वरक कंपनियों को आश्वासन देते हुए कहा कि सरकार गैस मूल्य बढऩे के बाद ऊर्वरक कंपनियों को अतिरिक्त सब्सिडी देगी। प्रधान ने यहां एक समाचार चैनल से कहा कि एक व्यवस्था के तहत सरकार पहले से ही ऊर्वरक क्षेत्र को सब्सिडी देती है। उन्होंने कहा कि नया फॉर्मूला बनाया जा रहा है। कीमतों में होने वाली अतिरिक्त वृद्धि का भार सरकार वहन करेगी। उपभोक्ताओं पर कोई बोझ नहीं डाला जाएगा। नई कीमत निर्धारण योजना के तहत सरकार उन यूरिया संयंत्रों को विशेष मुआवजा देती है, जिन्होंने 30 साल पूरे कर लिए हैं और खुद के गैस आधारित संयंत्र में कायाकल्प कर लिया है और पुरानी अक्षम इकाइयों को बंद कर रही है। यह भी तय किया गया है कि 30 जून के बाद सब्सिडी नहीं दी जाएगी। सरकार ने शनिवार को गैस मूल्य को 4.2 डॉलर प्रति यूनिट से बढ़ाकर 6.1 डॉलर प्रति यूनिट करने का फैसला किया है। गैस का यूरिया उत्पादन खर्च में 80 फीसदी योगदान होता है। सरकार हर साल ऊर्वरक पर 66 हजार करोड़ रुपए की सब्सिडी देती है, जिसमें से आधा से अधिक यूरिया के लिए होता है। देश में गैस पर आधारित यूरिया उत्पादन में एक तिहाई आयातित एलएनजी पर निर्भर है। 

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