• छठा विश्व आयुर्वेद सम्मेलन का उद्घाटन करेंगे प्रधानमंत्री

    नई दिल्ली ! छठा विश्व आयुर्वेद सम्मेलन (अखिल भारत आयुर्वेद महासम्मेलन) छह से नौ नवंबर के बीच नई दिल्ली के प्रगति मैदान में होगा। इसमें भारत, जर्मनी, इटली, अमेरिका, अर्जेंटीना, रूस तथा कई अन्य देशों के वैज्ञानिक 750 वैज्ञानिक पेपर प्रस्तुत करेंगे। सरकार के तत्वावधान में होने वाला यह सम्मेलन भारतीय जन स्वास्थ्य प्रणाली की मुख्य धारा में 'पांचवे वेद' को लाने संबंधी समारोह की श्रृंखलाओं में पहला आयोजन होगा। ...

    नई दिल्ली !   छठा विश्व आयुर्वेद सम्मेलन (अखिल भारत आयुर्वेद महासम्मेलन) छह से नौ नवंबर के बीच नई दिल्ली के प्रगति मैदान में होगा। इसमें भारत, जर्मनी, इटली, अमेरिका, अर्जेंटीना, रूस तथा कई अन्य देशों के वैज्ञानिक 750 वैज्ञानिक पेपर प्रस्तुत करेंगे। सरकार के तत्वावधान में होने वाला यह सम्मेलन भारतीय जन स्वास्थ्य प्रणाली की मुख्य धारा में 'पांचवे वेद' को लाने संबंधी समारोह की श्रृंखलाओं में पहला आयोजन होगा। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने सोमवार को यहां संवाददाता सम्मेलन में विश्व आयुर्वेद कांग्रेस की तैयारियों के बारे में बताया।हर्षवर्धन ने कहा कि विश्व आयुर्वेद कांग्रेस में 15 अनुसंधान विषयों पर पांच पूर्ण सत्र तथा 25 तकनीकी सत्र होंगे। इसमें भारत, जर्मनी, इटली, अमेरिका, अर्जेंटीना, रूस तथा कई अन्य देशों के वैज्ञानिक 750 वैज्ञानिक पेपर प्रस्तुत करेंगे। उन्होंने बताया कि प्रतिनिधि सभा, राष्ट्रीय औषधि पौध बोर्ड द्वारा आयोजित अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी तथा फार्मेक्सिल द्वारा आयोजित क्रेता-विक्रेता सम्मेलन कांग्रेस के अन्य आकर्षण होंगे। स्वास्थ्य मंत्री ने इसे लोक आयोजन बनाने की घोषणा की। इसमें आयुर्वेद, योग, नेचुरोपैथी, यूनानी, सिद्ध तथा होम्योपेथी चिकित्सा प्रणाली पर स्वास्थ्य मेले के रूप में आरोग्य एक्स्पो के जरिए इसे लोक आयोजन बनाया जाएगा। यह हाल नम्बर 18 में आयोजित किया जाएगा। इसमें आयुर्वेदिक औषधियों के क्षेत्र में काम करने वाली लगभग 500 फार्मा कंपनियां भाग लेगी। हर्षवर्धन ने कहा, "इसमें जनसाधारण को आमंत्रित किया जाएगा ताकि लोग हमारी परंपरागत औषधियों के कमाल को स्वयं देख सके। हम निशुल्क परामर्श सेवा देंगे जहां आयुष डाक्टर आने वाले लोगों की जांच करेंगे और निशुल्क दवाएं देंगे। लाइव योगा सत्र की भी योजना है।" स्वास्थ्य मंत्री स्वयं आधुनिक चिकित्सा प्रणाली में ईएनटी (आख, नाक, गला) सर्जन हैं। उन्होंने आयुर्वेद की खुलकर प्रशांसा की। उन्होंने कहा कि नए एम्स में आयुष विभाग शुरू कर उन्होंने आयुर्वेद को गौरव का स्थान दिया है। पूर्ण औषधि विकसित करने के लिए विशेषज्ञों का एक समूह भी बनाया गया है। हर्षवर्धन ने कहा, "भारत में आज आयुर्वेद की भले ही उपेक्षा हो रही हो लेकिन यह जानकर सभी भारतीय गौरव महसूस करेंगे कि अमेरिका के इलिनोइस में शिकागो मेडिकल स्कूल के पैथोलोजी संग्रहालय में प्राचीन भारतीय चिकित्सक सुश्रुत का चित्र लगा हुआ है। इस चित्र के नीचे दिया गया शीर्षक है 'मोतियाबिंद सर्जरी करने वाला प्रथम व्यक्ति' (द मैन हू डीड फस्र्ट कैटेरेक्ट सर्जरी)।" स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, "मैं विश्व आयुर्वेद कांग्रेस को नई दिल्ली के प्रगति मैदान में होने वाले भारतीय अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेले की तरह लोकप्रिय बनाना चाहता हूं। इसके माध्यम से भारत की नई पीढ़ी आधुनिक चिकित्सा की जन्मस्थली के रूप में भारत के गौरवपूर्ण इतिहास के बारे में सीखेगी। निश्चित रूप से स्वास्थ्य शिविरों में बड़ी संख्या में लोग आएंगे।"

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