• चौटाला के चुनाव प्रचार पर सीबीआई को नोटिस

    दिल्ली उच्च न्यायालय ने न्यायालय से अनुमति लिए बगैर हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला के चुनाव प्रचार में भाग लेने से संबंधित याचिका पर बुधवार को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को नोटिस जारी किया। चौटाला को शिक्षक नियुक्ति घोटाला मामले में 10 साल जेल की सजा हुई थी। इस समय उन्हें जमानत पर रिहा किया गया है।...

    नई दिल्ली | दिल्ली उच्च न्यायालय ने न्यायालय से अनुमति लिए बगैर हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला के चुनाव प्रचार में भाग लेने से संबंधित याचिका पर बुधवार को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को नोटिस जारी किया। चौटाला को शिक्षक नियुक्ति घोटाला मामले में 10 साल जेल की सजा हुई थी। इस समय उन्हें जमानत पर रिहा किया गया है।न्यायाधीश न्यायमूर्ति बी. डी. अहमद एवं न्यायमूर्ति सिद्धार्थ मृदुल की खंडपीठ ने इस मामले में सीबीआई द्वारा न्यायालय को सूचित नहीं किए जाने पर नाराजगी जाहिर की। गुड़गांव के अधिवक्ता हेमंत शर्मा ने न्यायालय में याचिका दायर कर शिकायत थी कि चौटाला ने न्यायालय से अनुमति लिए बिना 25 सितंबर को हरियाणा स्थित जींद कस्बे में एक रैली में भाग लिया था। न्यायालय ने मामले की अगली सुनवाई नौ अक्टूबर के लिए तय करते हुए कहा, "जींद में चुनाव प्रचार करने के लिए उनकी (चौटाला) जमानत पिछले महीने रद्द की जा चुकी है। सीबीआई कैसे इस मामले से अनजान रही।" उच्च न्यायालय ने 26 सितंबर को चौटाला को स्वास्थ्य कारणों से दी गई अंतरिम जमानत रद्द कर दी थी। उन्हें सबसे पहले 21 मई 2013 को अंतरिम जमानत पर रिहा किया गया था और मेदांता हॉस्पीटल में गहन चिकित्सा इकाई (आईसीयू) में भर्ती होने और खराब स्वास्थ्य के आधार पर जमानत की अवधि बढ़ा दी गई थी।इंडियन नेशनल लोक दल के अध्यक्ष चौटाला ने जींद में एक राजनीतिक रैली को 10 मिनट तक संबोधित किया। एक विशेष सीबीआई अदालत ने 22 जनवरी 2013 को चौटाला, उनके बेटे अजय चौटाला और आठ अन्य लोगों को 10 साल जेल की सजा सुनाई थी। इसी मामले में एक दोषी को पांच साल और 45 अन्य को चार-चार साल जेल की सजा सुनाई गई थी। सभी सजायाफ्ता लोगों को वर्ष 2000 में ओम प्रकाश चौटाला के हरियाणा के मुख्यमंत्री पद पर रहने के दौरान 3,206 अल्प प्रशिक्षित शिक्षकों की अवैध नियुक्ति का दोषी पाया गया था।


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