• 'अलकायदा को फेल कर देंगे भारतीय मुसलमान'

    न्यूयॉर्क ! अमरीकी यात्रा पर गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत में आतंकवाद दूसरी की धरती से पैदा हुआ है। उन्होंने कहा कि भारत के मुसलमान अल-कायदा की साजिश को विफल कर देंगे। प्रधानमंत्री मोदी ने यहां काउंसिल आन फारेन रिलेशंस में दिए गए अपने संबोधन में उक्त बातें कहीं। उन्होंने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई राजनीतिक नफा- नुकसान को देखकर नहीं लड़ी जा सकती। उन्होंने कहा कि इसे शिकस्त देने के लिए देश, जाति, धर्म से ऊपर उठकर मानवता के आधार पर पूरी दुनिया को एकजुट होना होगा। इससे पहले मेक इन इंडिया अभियान को अमली जामा पहनाने तथा विदेशी निवेशकों को इसके लिए प्रेरित करने के लिए दिग्गज अमरीकी कारोबारियों के साथ बैठक की। ...

    काउंसिल आन फारेन रिलेशंस के कार्यक्रम में बोले प्रधानमंत्रीकई दिग्गज कारोबारियों से की मुलाकात न्यूयॉर्क !  अमरीकी यात्रा पर गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत में आतंकवाद दूसरी की धरती से पैदा हुआ है। उन्होंने कहा कि भारत के मुसलमान अल-कायदा की साजिश को विफल कर देंगे। प्रधानमंत्री मोदी ने यहां काउंसिल आन फारेन रिलेशंस में दिए गए अपने संबोधन में उक्त बातें कहीं। उन्होंने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई राजनीतिक नफा- नुकसान को देखकर नहीं लड़ी जा सकती। उन्होंने कहा कि इसे शिकस्त देने के लिए देश, जाति, धर्म से ऊपर उठकर मानवता के आधार पर पूरी दुनिया को एकजुट होना होगा। इससे पहले मेक इन इंडिया अभियान को अमली जामा पहनाने तथा विदेशी निवेशकों को इसके लिए प्रेरित करने के लिए दिग्गज अमरीकी कारोबारियों के साथ बैठक की। मोदी ने राष्ट्रपति बराक ओबामा से मुलाकात करने के लिए वाशिंगटन रवाना होने से पहले गूगल, सिटी गु्रप तथा पेप्सिको के मुख्य कार्यकारी अधिकारी से मुलाकात की। इसके बाद बोइंग, आईबीएम, जेई तथा गोल्डमैन सैच के मुख्यकार्यकारी अधिकारियों के साथ मुलाकात की। प्रधानमंत्री ने इस दौरान कहा कि भारत एक खुले विचारों वाला देश है और वह परिवर्तन चाहते हैं। भारत में अल-कायदा की शाखाएं खोले जाने संबंधी उसके प्रमुख अल-जवाहिरी की घोषणा के संदर्भ में पूछे गये सवालों के जवाब में उन्होंने कहा कि भारत भगवान बुद्ध और महात्मा गांधी का देश है और उसके नागरिक कभी आतंकवाद का साथ नहीं दे सकते।गौरतलब है कि अमेरिका यात्रा से पहले वहां के एक समाचार चैनल को दिये इंटरव्यू में मोदी ने कहा था, ‘भारत के मुसलमान देश के लिए जिएंगे, देश के लिए मरेंगे और देश का कभी बुरा नहीं चाहेंगे।’ उन्होंने कहा, ‘आतंकवाद को अलग अलग तराजू से तौलने या किसी आतंकवाद को ‘गुड’ और किसी को ‘बैड’ बताने अथवा पसंद आने वाले देश में आतंकवाद को नहीं चलने देने और पसंद नहीं आने वाले देश में आतंकवाद चलने देने की मानसिकता के साथ इससे नहीं लड़ा जा सकता।’मोदी ने कहा कि 1993 में वह अमेरिका आये थे और यहां के अधिकारियों से उनकी बात भी हुई थी लेकिन तब वे इसे आतंकवाद नहीं बल्कि कानून और व्यवस्था की समस्या बताते थे। उन्होंने कहा कि लेकिन बाद में जब मैं यहां (अमेरिका) आया तो वे मुझे समझा रहे थे कि आतंकवाद क्या होता है क्योंकि तब यहां 9-11 की घटना हो गयी थी यानि जब तक हमारे यहां बम नहीं गिरता, हम आतंकवाद को नहीं समझते।प्रधानमंत्री ने कहा कि हमने 40 साल से आतंकवाद को भुगता है और दुनिया को आगाह किया कि आतंकवाद की कोई सीमा और देश नहीं होता। और यह कब कहां आ धमकेगा, किसी को पता नहीं होता। ऐसी विकृति की कल्पना नहीं की गयी होगी जब पत्रकारों का गला काटा जा रहा है।मोदी ने कहा कि आतंकवाद से लड़ने के साधन चाहे जो भी हों, उससे लड़ने का रास्ता एक ही है और वह है मानवता में विश्वास। उन्होंने कहा कि विश्व को मिलकर, कंधे से कंधा मिलाकर सबके कल्याण के लिए इस बुराई से लड़ना होगा।पश्चिम एशिया का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि यह क्षेत्र कभी इतनी तेजी से आगे बढ़ रहा था, लेकिन आज वहां कैसी हालत हो गयी है। आतंकवाद से लड़ने के लिए उन्होंने पर्यटन को बढ़ावा देने पर जोर देते हुए कहा, ‘पर्यटन जोड़ता है और आतंकवाद बांटता है। इसलिए मैं पर्यटन को बढ़ावा देना चाहता हूं।'प्रधानमंत्री ने कहा कि आज दुनिया का कोई भी देश अपनी मर्जी से नहीं चल सकता। विश्व बदल चुका है और वैश्विक प्रभाव से मिलकर कंधे से कंधा मिलाकर सबको चलना होगा। कोई देश अब अलग-थलग नहीं रह सकता है। उन्होंने कहा कि विचारधारा के बजाय दर्शन (फिलॉसफी) के आधार पर चलने वाले देश अधिक स्थिर और सतत रूप से चलते हैं जबकि विचारधारा के आधार पर चलने वाला देश कभी न कभी लुढ़क जाता है।मोदी ने कहा कि भारत ‘वसुधव कुटुंबकम’ के दर्शन को मानने वाला देश है जिसके तहत वह पूरे विश्व को अपना कुटुंब मानता है।

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