• आतंकियों के खिलाफ 'जूबालैंड' में चला अभ्यास

    चौबटिया (उत्तराखंड) ! प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमरीका के राष्ट्रपति बराक ओबामा जब वांशिगटन में सामरिक साझेदारी को नए स्तर तक ले जाने के लिए मंथन कर रहे थे तो उसी समय हजारों किलोमीटर दूर हिमालय के घने जंगलों में दोनों देशों के सैनिक आतंकवाद के खिलाफ युद्ध के लिए अपनी धार मजबूत कर रहे थे। भारत और अमरीका की सेनाओं के बीच उत्तराखंड के चौबटिया में घने जंगलों में दसवां संयुक्त युद्धाभ्यास चल रहा है।...

    भारत व अमरीका के सैनिकों का संयुक्त अभ्यासचौबटिया (उत्तराखंड) !   प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमरीका के राष्ट्रपति बराक ओबामा जब वांशिगटन में सामरिक साझेदारी को नए स्तर तक ले जाने के लिए मंथन कर रहे थे तो उसी समय हजारों किलोमीटर दूर हिमालय के घने जंगलों में दोनों देशों के सैनिक आतंकवाद के खिलाफ युद्ध के लिए अपनी धार मजबूत कर रहे थे। भारत और अमरीका की सेनाओं के बीच उत्तराखंड के चौबटिया में घने जंगलों में दसवां संयुक्त युद्धाभ्यास चल रहा है।  दुनिया में दक्षिण एशिया का सामरिक महत्व बढ रहा है और इसके कारण पूरी दुनिया की नजरें भारत पर हैं।कुमायूं में चौबटिया के घने जंगलों में 14 दिनों के इस युद्धाभ्यास में दोनों सेनाओं के करीब 500 सैनिक हिस्सा ले रहे हैं। प्रशिक्षण अभ्यास के दौरान अमेरिकी सैन्य दल का प्रतिनिधित्व इंफ्रेट्री डिवीजन ने किया जबकि भारतीय दल का प्रतिनिधित्व गरूड डिवीजन की माउंटेन बिग्रेड ने किया।  दोनों देशों के सैनिकों को संयुक्त राष्ट्र शांति सेना के अभियानों के दौरान आतंकवादियों की साजिश विफल करने की योजना बताई जा रही है और तकनीकी युद्ध कौशल के माध्यम से सैनिकों को सशक्त बनाया जा रहा है। आतंकवादी घने जंगलों का इस्तेमाल ज्यादा करते हैं। यही वजह है कि अभ्यास के लिए जंगलों को चुना गया। सैन्य अभियान में दुश्मन ढेरयुद्धाभ्यास के दलमौटी गांव को एक काल्पनिक देश जूबालैंड में तब्दील किया गया था जो आतंकवाद से ग्रस्त है। भारत तथा अमरीका की सेनाओं ने वहां संयुक्त अभियान चलाया और दुश्मन को ढेर कर दिया। चौबटिया बना रणक्षेत्रसंयुक्त युद्धाभ्यास के लिए चौबटिया क्षेत्र के घने जंगल को रणक्षेत्र में तब्दील किया गया है। सैनिकों ने आतंकवाद विरोधी ऑपरेशन में इस्तेमाल होने वाले विशेष हथियारों इस्तेमाल करने के तरीके भी सिखाए जा रहे हैं। दोनों सेनाएं पेशेवर हैं और अगर उन्हें साथ काम करने का मौका मिलता है तो वे इसके लिए तैयार हैं:हेस्किंस, मेजर जनरल, अमरीकी सेनासेना को कहां तैनात करना है इसका फैसला राजनीतिक नेतृत्व को करना है हम हर परिस्थिति के लिए तैयार है:अश्विनी कुमार, मेजर जनरल मध्य कमान

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