• भारत का कड़ा रुख, चीनी मीडिया से नहीं होगी बातचीत

    नई दिल्ली ! चीन भारतीय सीमा में घुसपैठ करने से बाज नहीं आ रहा है। चीनी राष्ट्रपति के भारत दौरे के बाद मिले आश्वासनों का सीमा पर कोई फ र्क नहीं दिख रहा है। भारत ने कड़ा रवैया बपनाते हुए चीनी मीडिया से होने वाली बातचीत रद्द कर दी है। लगातार सीमा क्षेत्र में चीनी घुसपैठ का पहला असर दोनों देशों की मीडिया के बीच होने वाली बातचीत पर पड़ा। ...

    घुसपैठ के मुद्दे पर राष्ट्रपति चिनफिंग का आश्वासन साबित हो रहा कोरानई दिल्ली !   चीन भारतीय सीमा में घुसपैठ करने से बाज नहीं आ रहा है। चीनी राष्ट्रपति  के भारत दौरे के बाद मिले आश्वासनों का सीमा पर कोई फ र्क नहीं दिख रहा है। भारत ने कड़ा रवैया बपनाते हुए चीनी मीडिया से होने वाली बातचीत रद्द कर दी है। लगातार सीमा क्षेत्र में चीनी घुसपैठ का पहला असर दोनों देशों की मीडिया के बीच होने वाली बातचीत पर पड़ा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार ने 24 सितम्बर को दिल्ली में प्रस्तावित भारत-चीन के मीडिया संस्थानों के बीच की बातचीत को मंजूरी देने से इनकार कर दिया है। दरअसल यह बैठक हर साल होती है, लेकिन इस बार सरकार ने चीनी संपादकों की यात्रा को मंजूरी नहीं दी है।  विदित हो कि चीनी सैनिक लद्दाख के चुमार में भारतीय क्षेत्र में डटे हुए हैं। उपलब्ध सूचना के मुताबिक, चीनी सैनिकों ने इस इलाके में कम से कम सात टेंट लगा रखे हैं। लद्दाख के चुमार में भारतीय इलाके में चीनी सैनिकों के लगातार डटे रहने को लेकर भारतीय तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के महानिदेशक सुभाष गोस्वामी ने गृह राज्य मंत्री किरण रिजिजू से मुलाकात की और उन्हें स्थिति से अवगत कराया। मंत्री ने कहा कि सरकार रपट का इंतजार कर रही है। उन्होंने इस मुद्दे पर टिप्पणी से इनकार कर दिया। रिजिजू ने कहा कि हम रपट का इंतजार कर रहे हैं। ये बेहद कठिन इलाके हैं। कहां क्या हुआ है, हमें इसकी विस्तृत रपट की जरूरत है। सूत्रों के अनुसार, चीन के साथ दिक्कत यह है कि चुमार का मौसम उसके सैनिकों के लिए अनुकूल नहीं है जबकि भारतीय सैनिकों को वहां रहने का अनुभव है और वे क्षेत्र की प्रतिकूल परिस्थितियों से निपटने के आदी हैं। भारतीय सेना को रसद आपूर्ति में कोई दिक्क्त नहीं है जबकि चीन को इसके लिए विशेष व्यवस्था करनी पड़ती है। चीन अब इस स्थिति से निकलने के लिए बहाने तलाश रहा है। दोनों सेनाओं के अधिकारियों के बीच हुई फ्लैग मीटिंग में गतिरोध का समाधान नहीं होने के बाद अब राजनयिक स्तर पर भी इसका हल निकालने के प्रयास किए जा रहे हैं। चुमार में गतिरोध के क्षेत्र में चीनी और भारतीय सैनिकों की निश्चित संख्या के बारे में आधिकारिक रूप से कुछ नहीं बताया जा रहा है। हालांकि यह जरूर कहा जा रहा है कि भारतीय सैनिकों की संख्या चीन के सैनिकों से कहीं ज्यादा है। भारतीय सेना क्षेत्र में पूरी तरह से चौकस है और उसने क्षेत्र में सैनिकों की तैनाती में कमी नहीं की है। चीनी सैनिक पिछले कुछ माह से लद्दाख क्षेत्र में कई बार घुसपैठ करते रहे हैं। 

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