• कश्मीर में बाढ़ से सेना को कई मोर्चों पर क्षति

    श्रीनगर ! कश्मीर में आई भयानक बाढ़ से सेना भी अछूती नहीं रही है। उसे कई मोर्चों पर क्षति उठानी पड़ी है। उसकी कई चौकिआं बह गईं। कई बंकर टूट गए। जहां तक कि तारबंदी के कई किमी के हिस्से के बह जाने के कारण उसे अब दोगुनी मेहनत कर सीमाओं की रक्षा करनी पड़ रही है। कश्मीर घाटी में आई विनाशकारी बाढ़ से सेना के 70 प्रतिष्ठान प्रभावित हुए हैं जिसमें सैन्य शिविर, बंकर और चौकियां शामिल हैं लेकिन इसके बावजूद सुरक्षा बलों ने संवेदनशील सीमा क्षेत्रों में क्षतिग्रस्त और बह गई चौकियों को तेजी से स्थानांतरित कर दिया है। सेना के प्रतिष्ठान बाढ़ के पानी में आंशिक अथवा पूरी तरह से डूब गए थे लेकिन सुरक्षा बल वहां तैनात सभी सैनिकों को सुरक्षित निकालने में सफल रहे।...

    चौकियां भी बहीं, बंकर भी टूट गए और तारबंदी भी बह गईश्रीनगर !   कश्मीर में आई भयानक बाढ़ से सेना भी अछूती नहीं रही है। उसे कई मोर्चों पर क्षति उठानी पड़ी है। उसकी कई चौकिआं बह गईं। कई बंकर टूट गए। जहां तक कि तारबंदी के कई किमी के हिस्से के बह जाने के कारण उसे अब दोगुनी मेहनत कर सीमाओं की रक्षा करनी पड़ रही है। कश्मीर घाटी में आई विनाशकारी बाढ़ से सेना के 70 प्रतिष्ठान प्रभावित हुए हैं जिसमें सैन्य शिविर, बंकर और चौकियां शामिल हैं लेकिन इसके बावजूद सुरक्षा बलों ने संवेदनशील सीमा क्षेत्रों में क्षतिग्रस्त और बह गई चौकियों को तेजी से स्थानांतरित कर दिया है।सेना के प्रतिष्ठान बाढ़ के पानी में आंशिक अथवा पूरी तरह से डूब गए थे लेकिन सुरक्षा बल वहां तैनात सभी सैनिकों को सुरक्षित निकालने में सफल रहे। सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि बाढ़ से 30 से 40 शिविर, चौकियां और कश्मीर घाटी में आतंकवाद निरोधक अभियान के लिए बनाये गए बंकर बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं। अधिकारी ने कहा कि इसी तरह से एलओसी पर 30 चौकियां और बंकर बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं जबकि 10 से 15 बंकर पूरी तरह से बह गए हैं। अधिकारी ने कहा कि हमने तेजी से कदम उठाये। हमने चौकियां और बंकरों को स्थानांतरित करके उन्हें तत्काल बहाल कर दिया। हमने नियंत्रण रेखा पर बंकरों के बह जाने के चलते निगरानी में कमी नहीं आने दी। अधिकारी ने कहा कि सभी जवानों को शिविरों और ठिकानों में आने वाले बाढ़ के पानी से निकाल लिया। उन्होंने कहा कि मात्र तीन जवानों की मौत हुई। दो जवानों की मौत कश्मीर के पुलवामा में नाव पलटने से जबकि एक जवान की मौत पुंछ में भूस्खलन से हुई। उनके शव मिल गए हैं। उन्होंने कहा कि हालांकि गोला बारूद के दो छोटे ठिकाने प्रभावित हुए। उन्होंने कहा कि छोटे स्टोर और अन्य गोला बारूद को नुकसान पहुंचा है।सेना दोहरी भूमिका निभा रही है। सेना एक तो बाढ़ प्रभावित लोगों तक पहुंच बनाने के साथ अपने खुद के प्रतिष्ठानों और अपने जवानों को बचा रही है तथा नियंत्रण रेखा की अधिक सतर्कता से निगरानी कर रही है। अधिकारी ने कहा कि हमने दोनों ही भूमिकाएं शानदार तरीके से निभायी। हमने 2.30 लाख बाढ़ प्रभावित लोगों को बचाया, उन्हें राहत, चिकित्सकीय सुविधाएं और आश्रय मुहैया कराया। हमने अपने जवानों को बचाया और सीमा पर अधिक सतर्क निगरानी सुनिश्चित की।  उन्होंने कहा कि हमने सीमाओं पर निगरानी का स्तर कम नहीं होने दिया जहां हमने घुसपैठ के प्रयासों के दौरान हुई मुठभेड़ों में 10 आतंकवादियों को मार गिराया।यह सच है कि कश्मीर की बाढ़ ने जहां धरती के स्वर्ग की सूरत बदल दी। स्वर्ग तबाह हो गया जहां तक नजर जाती है सिर्फ विनाश ही विनाश दिखाई देती है। सैकड़ों मरे, कई लापता हो गए, गांव के गांव तबाह हो गए, लेकिन इन सब के साथ इस बाढ़ ने भारत पर बड़ा खतरा खड़ा कर दिया है।इतनी ही नहीं देश की सुरक्षा में मुस्तैद सुरक्षा बलों को चौकस किया गया है। सेना के एक अधिकारी ने बताया कि सीमा पर लगी बाड़ बीच-बीच में क्षतिग्रस्त हुई है। ऐसे में सेना के सामने ये एक बड़ी समस्या बनकर सामने आ गई है। हलांकि सेना का दावा है कि वो जल्द ही इस समस्या से निजात पा लेंगे।बाढ़ से बाड़ को नुकसानबाढ़ की वजह से भारत सीमा पर पाकिस्तान सीमा पर लगी 40 किमी लंबी बाड़ क्षतिग्रस्त हुई है। बाढ़ का पानी उतरने के साथ ही सीमा से लगी नियंत्रण रेखा पर बाड़ को हुए नुकसान का आंकलन आईबी और सेना कर रही है। इस बाढ़ के टूटने से देश की सुरक्षा खतरे में पड़ गई है। देश में घुसपैठ की आशंका बढ़ गई है। आतंकियों को देश में घुसने का मौका मिल गया है। लेकिन जाडे में घुसपैठ के लिए आतंकियों की तैयारी को लेकर आईबी से मिले सुराग को देखते हुए सेना ने इस दलाके में गश्त बढ़ा दी है।

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