• बिलासपुर की महिला वकील ने सुप्रीम कोर्ट परिसर में खाया जहर

    बिलासपुर ! अपने ससुराल वालों पर पहले दहेज प्रताडऩा और उसके बाद अनाचार की रिपोर्ट दर्ज कराने वाली एक महिला अधिवक्ता ने दस माह बाद न्याय नहीं मिलने और पुलिस द्वारा कार्रवाई नहीं करने की बात कहते हुए दिल्ली में सुप्रीम कोर्ट परिसर में फिनाइल पीकर जान देने की कोशिश की। उसे राममनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया गया है। चीफ जस्टिस ने मामले पर स्वयं संज्ञान लेते हुए प्रकरण की सुनवाई मंगलवार को किए जाने की बात कही है।...

    राममनोहर लोहिया अस्पताल में भर्तीबिलासपुरअपने ससुराल वालों पर पहले दहेज प्रताडऩा और उसके बाद अनाचार की रिपोर्ट दर्ज कराने वाली एक महिला अधिवक्ता ने दस माह बाद न्याय नहीं मिलने और पुलिस द्वारा कार्रवाई नहीं करने की बात कहते हुए दिल्ली में सुप्रीम कोर्ट परिसर में फिनाइल पीकर जान देने की कोशिश की। उसे राममनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया गया है। चीफ जस्टिस ने मामले पर स्वयं संज्ञान  लेते हुए प्रकरण की सुनवाई मंगलवार को किए जाने की बात कही है।मूलत: बेमेतरा की रहने वाली उक्त महिला अधिवक्ता ने अपने पति और ससुराल वालों के खिलाफ पहले दहेज प्रताडऩा की रिपोर्ट सिविल लाइन थाना बिलासपुर में दर्ज कराई थी इस पर उसके पति ने महिला के खिलाफ  कई मामलो का सबूत देते हुए रायपुर बेमेतरा आदि के न्यायालयो मे उसके झूठी शिकायतो के कारण केस हार जाने के प्रमाण दिए और उसे आदतन झूठी शिकायत करने वाली महिला बताया। महिला वकील द्वारा पति का ससुराल वालो के विरूद्ध रिपोर्ट दर्ज कराने के बाद वह अपने पति और परिवार से अलग रहने लगी थी। वह बिलासपुर  के चांटापारा में किराए के मकान में रहकर प्रेक्टिस कर रही थी । उसने 30 नवम्बर 2013 को अचानक महिला थाना पहुंचकर इस आशय की रिपोर्ट दर्ज कराई कि 29 नवम्बर की रात उसके जेठ उसका बेटा तथा उसके एक दोस्त रायपुर से उसके घर पहुंचे और जबरदस्ती उसके साथ अनाचार किया। पुलिस ने रिपोर्ट पर धारा 376,घ 452,506 और 323,34 का मामला दर्ज किया। मामले में बिलासपुर जिला न्यायालय में सुनवाई लम्बित है। पुलिस भी मामला कोर्ट से लम्बित होने का हवाला दे कुछ कहने से बच रही है। महिला अधिवक्ता ने मामले की शिकायत  महिला आयोग से भी की है।उक्त महिला वकील सोमवार को सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई और उसे न्याय नहीं मिल पाने की बात कहते हुए न्यायालय परिसर में ही फिनायल पीकर आत्महत्या कर लेने की कोशिश की । वह वह बदहवासी की स्थिति में मुख्य न्यायाधीश आर एम लोढ़ा की अदालत में पहुंची और बताया कि उसे न्याय नहीं मिल पा रहा है।छत्तीसगढ़ की पुलिस कार्रवाई नहीं कर रही है।उसकी आवाज स्पष्ट नहीं होने पर मुख्य न्यायाधीश ने एक अन्य महिला वकील को उसकी बात सुन कोर्ट को बताने के लिए कहा। महिला वकील ने बताया कि उसने नेपथलीन की गोलियॉ खाली ली है। कोर्ट ने महिला वकील को उपचार के लिए केंद्र सरकार के स्वास्थ्य योजना के तहत प्राथमिक उपचार केंद्र भेजने का निर्देश दिया मगर बाद में उसे राममनोहर लोहिया अस्पताल भेज दिया गया । मामले पर स्वत: संज्ञान लेते हुए कोर्ट ने कहा कि मामले पर सुनवाई मंगलवार को होगी।

अपनी राय दें