वाशिंगटन ! मंगल ग्रह के ऊपरी वायुमंडल के अध्ययन के उद्देश्य से भेजा गया राष्ट्रीय वैमानिकी एवं अंतरिक्ष प्रशासन (नासा) का मार्स ऐटमस्फिर एंड वालटिल इवोल्यूशन (मैवेन) अंतरिक्षयान 10 माह में 44.2 करोड़ मील की दूरी तय कर रविवार देर रात मंगल ग्रह की कक्षा में प्रवेश कर गया। नासा के प्रशासक चार्ल्स बोल्डेन ने कहा, "मंगल ग्रह के अध्ययन के लिए भेजे गए पहले यान से मंगल संबंधी हमारी जानकारी में इजाफा होगा। इस मिशन से मंगल ग्रह के वायुमंडल का इतिहास, मंगल ग्रह की जलवायु में किस प्रकार समय के साथ बदलाव आया, धरती के विकास को उसने किस तरह प्रभावित किया और ग्रह पर जीवन की संभावना संबंधित जानकारियां मिलेगी।"उन्होंने कहा, "2030 में मानव को मंगल ग्रह पर भेजने वाले मिशन में भी इससे सहायता मिलेगी।"एजेंसी के वाशिंगटन डीसी स्थित मुख्यालय में नासा साइंस मिशन निदेशालय के सहायक प्रशासक जॉन ग्रंस्फेल्ड ने कहा, "वैज्ञानिक खोजों का नासा का काफी लंबा इतिहास रहा है और मैवेन का सुरक्षित मंगल तक पहुंचना सफलता का एक नया अध्याय शुरू करता है।"मैवेन, मंगल ग्रह के ऊपरी वातावरण और इस ग्रह के इतिहास व जलवायु से संबंधित महत्वपूर्ण प्रश्नों की पड़ताल के लिए समर्पित पहला अंतरिक्ष यान है।ये निरीक्षण वैज्ञानिकों को यह तय करने में मदद करेंगे कि मंगल के अस्तित्व में आने से अब तक मंगल के वायुमंडल से कितनी गैस का नुकसान हुआ है और वह नुकसान किन प्रक्रियाओं से हुआ है।युनिवर्सिटी ऑफ कोलोराडो इन बोल्डर में मैवेन के प्रमुख अन्वेक्षक ब्रूस जैकोस्की ने कहा, "हम पहला मिशन हैं जो मंगल की ऊपरी सतह की पड़ताल और यह सूर्य व सौर वायु के साथ कैसे सूचनाएं आदान-प्रदान करता है, को समर्पित है।"मैवेन को 18 नवंबर, 2013 को फ्लोरिडा के केप केनवरल से तीन साधन संकुल ले जाने के लिए लांच किया गया था।