• स्कूलों में भी बच्चे हो रहे अमानवीयता के शिकार ,सुरक्षित नहीं बचपन

    नई दिल्ली ! देश में बाल यौन अपराध सुरक्षा कानून (पोक्सो) के तहत पिछले तीन साल में यौन शोषण की चार हजार से अधिक शिकायतें दर्ज हुई हैं जिनमें छह सौ से ज्यादा घटनाएं स्कूलों में घटी हैं। आधिकारिक सूचना के अनुसार, देश के विभिन्न राज्यों में बाल यौन शोषण की यह सभी शिकायतें राष्ट्रीय बाल अधिकार सुरक्षा आयोग (एनसीपीसीआर) ने दर्ज की हैं। ...

     यौन शोषण की घटनाएं बढ़ीं तीन साल में सामने आए चार हजार से अधिक मामले इस साल आठ अगस्त तक 465 घटनाएं दर्ज सबसे अधिक 235 मामले उत्तर प्रदेश में दर्जदिल्ली में इस साल अब तक कुल 35 मामले आए सामनेनई दिल्ली !   देश में बाल यौन अपराध सुरक्षा कानून (पोक्सो) के तहत पिछले तीन साल में यौन शोषण की चार हजार से अधिक शिकायतें दर्ज हुई हैं जिनमें छह सौ से ज्यादा घटनाएं स्कूलों में घटी हैं। आधिकारिक सूचना के अनुसार, देश के विभिन्न राज्यों में बाल यौन शोषण की यह सभी शिकायतें राष्ट्रीय बाल अधिकार सुरक्षा आयोग (एनसीपीसीआर) ने दर्ज की हैं। इन अपराधों में किस कदर बढ़ोतरी हो रही है, इसका अनुमान इसी से लगाया जा सकता है कि पोक्सो के तहत इस साल आठ अगस्त तक 465 घटनाएं दर्ज हुई हैं जिनमें सबसे अधिक 235 मामले उत्तर प्रदेश के हैं। दिल्ली में इस साल अब तक कुल 35 मामले दर्ज हुए हैं जिनमें दो घटनाएं स्कूलों में हुई हैं। एनसीपीसीआर ने देश के 36 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 2011-12 से लेकर अब तक बाल यौन शोषण की कुल 3433 शिकायतें दर्ज की हैं। इसके अतिरिक्त 519 मामले स्कूलों में दर्ज हुए हैं जिनमें शारीरिक दंड देने की 293 शिकायतें शामिल हैं। स्कूलों में इस साल अब तक कुल 28 शिकायतें दर्ज की गई हैं जिनमें शारीरिक दंड देने के चार मामले शामिल हैं। पोक्सो 14 नवंबर 2012 को अस्तित्व में आया। इसके बाद दर्ज बाल यौन शोषण के सबसे अधिक मामले उत्तर प्रदेश में दर्ज हुए हैं और राज्य में तब से अब तक इस तरह की कुल 1670 घटनाएं दर्ज हुईं हैं जिनमें 109 अपराध स्कूलों में हुए हैं। दूसरे स्थान पर 291 घटनाओं के साथ दिल्ली है जहां स्कूलों में 66 घटनाएं दर्ज की गई हैं जबकि आंध्र प्रदेश 227 घटनाओं के साथ तीसरे स्थान पर है। वर्ष 2011-12 में यौन शोषण की कुल 646 घटनाएं हुई हैं और इस दौरान सर्वाधिक 187 घटनाएं उत्तर प्रदेश में हुई हैं जबकि दिल्ली 103 घटनाओं के साथ दूसरे स्थान पर है। आंध्र प्रदेश में 66 घटनाएं हुईं जबकि उत्तराखंड, मिजोरम और मेघालय जैसे छोटे राज्यों में 20 घटनाएं हुई हैं। स्कूलों में बच्चियों के साथ इस अवधि में 261 घटनाएं हुई हैं जिनमें सबसे अधिक 62 घटनाएं तमिलनाडु की है। उत्तर प्रदेश में सिर्फ 35 घटनाएं हुई जबकि दिल्ली में 33 घटनाएं दर्ज की गई। वर्ष 2012-13 में इस तरह के 1083 मामले दर्ज हुए और इस वर्ष भी उत्तर प्रदेश 477 घटनाओं के साथ सबसे ऊपर रहा। 

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