नई दिल्ली ! केंद्रीय राजस्व सचिव शक्ति कांत दास ने शनिवार को कहा कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) का क्रियान्वयन पहली अप्रैल, 2016 से ही संभव हो सकता है और यह इस बात पर निर्भर करता है कि लंबित मुद्दे कितनी तेजी से सुलझते हैं। उन्होंने यहां एक कार्यक्रम में कहा, "जीएसटी के वास्तविक क्रियान्वयन की समय सीमा पहली अप्रैल, 2016 उचित होगी। यह इस बात पर निर्भर करता है कि हम महत्वपूर्ण मुद्दों पर कितनी जल्दी सहमति बना लेते हैं।"जीएसटी का क्रियान्वयन 2006 से ही लटका हुआ है। इसके जरिए केंद्र और राज्य स्तर के अधिकांश परोक्ष करों को एकसाथ मिलाना है। लेकिन राज्य पेट्रोलियम, तंबाकू और शराब जैसी कुछ वस्तुओं को इसके दायरे से बाहर रखना चाहते हैं।दास ने कहा, "बातचीत बहुत ही महत्वपूर्ण चरण में है और हम अच्छी प्रगति की आशा करते हैं। हमें पूरी आशा है कि हम आगामी सप्ताहों या महीनों में सहमति बनाने में सफल होंगे।"दास ने कहा कि राज्यों के साथ चार-पांच मुद्दे लंबित हैं। उन्होंने कहा कि हाल के सप्ताहों में प्रत्येक मुद्दे पर चर्चा हुई है। उन्होंने कहा, "हमें आशा है और हम पूरी तरह आशावान हैं कि हम इन मुद्दों को आगामी महीनों में सुलझा लेंगे, जिसके बाद सरकार संसद में संविधान संशोधन पेश कर सकेगी।"