• छत्तीसगढ़ : दिल के लिए नि:शुल्क संजीवनी बांटता अस्पताल

    छत्तीसगढ़ सरकार के नए प्रशासनिक मुख्यालय के रूप में विकसित हो रहे नया रायपुर में देश-विदेश के जन्मजात हृदय रोगियों को नया जीवन मिलने लगा है। यहां संचालित श्री सत्य साईं संजीवनी अस्पताल की नि:शुल्क चिकित्सा सेवाएं ऐसे हृदय रोगियों के लिए अपने नाम के अनुरूप वास्तव में संजीवनी साबित हो रही हैं। जन्मजात हृदय रोग से पीड़ित बच्चों और वयस्कों के लिए समर्पित इस अस्पताल ने अपनी स्थापना के सिर्फ लगभग 20 महीने की अल्प अवधि में इस वर्ष अगस्त तक पांच सौ हृदय रोगियों के जटिल और सफल आपरेशनों का एक नया कीर्तिमान बनाया है। इनमें छत्तीसगढ़ के भी 212 मरीज शामिल हैं। इसके अलावा यहां चार हजार से ज्यादा हृदय के मरीजों का नि:शुल्क इलाज किया जा चुका है। इनमें ज्यादातर बच्चे शामिल हैं। ...

    रायपुर | छत्तीसगढ़ सरकार के नए प्रशासनिक मुख्यालय के रूप में विकसित हो रहे नया रायपुर में देश-विदेश के जन्मजात हृदय रोगियों को नया जीवन मिलने लगा है। यहां संचालित श्री सत्य साईं संजीवनी अस्पताल की नि:शुल्क चिकित्सा सेवाएं ऐसे हृदय रोगियों के लिए अपने नाम के अनुरूप वास्तव में संजीवनी साबित हो रही हैं। जन्मजात हृदय रोग से पीड़ित बच्चों और वयस्कों के लिए समर्पित इस अस्पताल ने अपनी स्थापना के सिर्फ लगभग 20 महीने की अल्प अवधि में इस वर्ष अगस्त तक पांच सौ हृदय रोगियों के जटिल और सफल आपरेशनों का एक नया कीर्तिमान बनाया है। इनमें छत्तीसगढ़ के भी 212 मरीज शामिल हैं। इसके अलावा यहां चार हजार से ज्यादा हृदय के मरीजों का नि:शुल्क इलाज किया जा चुका है। इनमें ज्यादातर बच्चे शामिल हैं। उल्लेखनीय है कि आधुनिक चिकित्सा उपकरणों से सुसज्जित यह अस्पताल नवंबर 2012 में शुरू हुआ है, जहां वरिष्ठ विशेषज्ञ चिकित्सक अपनी सेवाएं दे रहे हैं। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने भी इस अस्पताल की सेवा भावना की प्रशंसा की है।अस्पताल के अधिकारियों ने यहां शुक्रवार को बताया कि इस अवधि में 225 से अधिक ओपन हार्ट सर्जरी की गई, जिनमें ज्यादातर वयस्क वाल्व प्रतिस्थापन और कोरोनरी आर्टरी बाईपास ग्राफ्टिंग शामिल हैं। यहां जाति, धर्म, आर्थिक स्थिति और राष्ट्र का भेद किए बिना सभी को उत्कृष्ट एवं नि:शुल्क स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जा रही हैं।  इस अस्पताल में केवल देश के विभिन्न राज्यों से ही नहीं बल्कि पड़ोसी देशों के लोगों ने भी नि:शुल्क स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ उठाया है।  यहां छत्तीसगढ़ सहित असम, बिहार, हरियाणा, जम्मू एवं कश्मीर, झारखंड, कर्नाटक, मेघालय, मध्य प्रदेश, ओडिशा, पंजाब, राजस्थान, त्रिपुरा, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश के अलावा पड़ोसी देशों -बांग्लादेश, नेपाल और नाइजीरिया- के हृदय रोगियों का नि:शुल्क इलाज किया जा चुका है।अधिकारियों ने यह भी बताया कि छत्तीसगढ़ और पड़ोसी राज्यों से आ रहे जन्मजात हृदय रोगी बच्चों की बढ़ती संख्या को ध्यान में रखते हुए यह अस्पताल फरवरी 2014 के बाद से विशेष बाल हृदय सुरक्षा प्रदान करने के लिए समर्पित कर दिया गया है। अब यहां कई प्रकार की जटिल बाल हृदय शल्य चिकित्सा जैसे सिंगल वेंट्रिकल रिपेयर्स, आर्टेरियल स्विच ऑपरेशन, अलकापा, सेननिंग प्रोसीजर, फल्लोट रिपेयर टेट्रोलॉजी, एब्सटेइन रिपेयर, बाई-डायरेक्शनल ग्लेन शंट, वाल्व रिपेयर्स और आमवाती वाल्व हृदय रोग से पीड़ित बच्चों के वाल्व आदि का इलाज किया जाता है। इसके अलावा यहां भ्रूण इको कार्डियोग्राफी सेवाएं भी प्रदान की जा रही हैं।  अधिकारियों ने बताया कि बच्चों को निवारक और शिक्षाप्रद स्वास्थ्य सेवा देने के लिए इस अस्पताल में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के दिशा-निर्देशों पर आधारित 'दिव्य बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम' शुरू किया गया है। यह एक स्वास्थ्य जांच कार्यक्रम है। इस कार्यक्रम के अंतर्गत 29 प्रकार के हृदय रोगों की स्थितियों की जांच की जाती है। श्री सत्य सांई संजीवनी अस्पताल में देश के अनेक जाने-माने और वरिष्ठ विशेषज्ञ चिकित्सक अपनी सेवाएं दे रहे हैं। इनमें डॉ. एम.ए. चक्रवर्ती समन्वयक के रूप में भी अपनी भूमिका निभा रहे हैं।  इसके अलावा डॉ. योगेश सी. साठे, डॉ. सुब्रमण्यम सी (प्रभारी अधिकारी बाल चिकित्सा कार्डिएक एनेस्थिसिया और इंटेसिव केयर यूनिट) तथा डॉ. कृष्ण मनोहर सहित कई वरिष्ठ चिकित्सक शामिल हैं।


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