• जबरन हिंदी पढ़ाए जाने के विरोध में जयललिता

    चेन्नई ! तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे.जयललिता ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के राज्य के दो सरकारी विश्व विद्यालयों में हिंदी पढ़ाए जाने संबंधी निर्देश पर कड़ा रुख अपनाते हुए इसे कानून के खिलाफ बताया और कहा कि यह निर्देश राज्य के लिए बाध्यकारी नहीं है। जयललिता ने कहा कि यूजीसी के निर्देश तमिलनाडु के विश्वविद्यालयों पर लागू नहीं होंगे। यह कानून के खिलाफ है और स्वीकार नहीं किए जा सकते है। उन्होंने यह भी कहा कि यह गैर हिंदी भाषी राज्यों पर जबरन हिंदी थोपने का प्रयास है। यूजीसी ने तमिलनाडु की अन्ना और अलाओअप्पा विश्वविद्यालयों में हिंदी पढ़ाए जाने संबंधी निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी गैर हिंदी भाषी राज्यों पर जबरन हिंदी थोपे जाने का हमेशा से विरोध करती है। ...

    चेन्नई ! तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे.जयललिता ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के राज्य के दो सरकारी विश्व विद्यालयों में हिंदी पढ़ाए जाने संबंधी निर्देश पर कड़ा रुख अपनाते हुए इसे कानून के खिलाफ बताया और कहा कि यह निर्देश राज्य के लिए बाध्यकारी नहीं है। जयललिता ने कहा कि यूजीसी के निर्देश तमिलनाडु के विश्वविद्यालयों पर लागू नहीं होंगे। यह कानून के खिलाफ है और स्वीकार नहीं किए जा सकते है। उन्होंने यह भी कहा कि यह गैर हिंदी भाषी राज्यों पर जबरन हिंदी थोपने का प्रयास है। यूजीसी ने तमिलनाडु की अन्ना और अलाओअप्पा विश्वविद्यालयों में हिंदी पढ़ाए जाने संबंधी निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी गैर हिंदी भाषी राज्यों पर जबरन हिंदी थोपे जाने का हमेशा से विरोध करती है।

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