• व्हीसल ब्लोअर का नाम बताने से भूषण का इनकार

    नई दिल्ली ! टूजी स्पेक्ट्रम आबंटन घोटाले के आरोपियों के केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के निदेशक रंजीत सिन्हा से मिलने-जुलने का आरोप लगाने वाले गैर सरकारी संगठन सेंटर फॉर पब्लिक इंट्रेस्ट लिटिगेशन (सीपीआईएल) ने आगंतुक रजिस्टर उपलब्ध कराने वाले स्रोत का खुलासा करने से इनकार कर दिया है। सीपीआईएल के वकील प्रशांत भूषण ने न्यायमूर्ति एचएल दत्तू की अध्यक्षता वाली खंडपीठ के समक्ष दायर हलफनामा में कहा है कि वह आगंतुक रजिस्टर उपलब्ध कराने वाले स्रोत का नाम नहीं बताएंगे क्योंकि इससे उस व्यक्ति की जान को गंभीर खतरा उत्पन्न हो जाएगा। हलफनामे में भूषण ने कहा है ...

     नई दिल्लीटूजी स्पेक्ट्रम आबंटन घोटाले के आरोपियों के केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के निदेशक रंजीत सिन्हा से मिलने-जुलने का आरोप लगाने वाले गैर सरकारी संगठन सेंटर फॉर पब्लिक इंट्रेस्ट लिटिगेशन (सीपीआईएल) ने आगंतुक रजिस्टर उपलब्ध कराने वाले स्रोत का खुलासा करने से इनकार कर दिया है। सीपीआईएल के वकील प्रशांत भूषण ने न्यायमूर्ति एचएल दत्तू की अध्यक्षता वाली खंडपीठ के समक्ष दायर हलफनामा में कहा है कि वह आगंतुक रजिस्टर उपलब्ध कराने वाले स्रोत का नाम नहीं बताएंगे क्योंकि इससे उस व्यक्ति की जान को गंभीर खतरा उत्पन्न हो जाएगा। हलफनामे में भूषण ने कहा है कि आगंतुक रजिस्टर उपलब्ध कराने वाले व्यक्ति ने अपना नाम नहीं बताने का उनसे आग्रह किया है। उस स्रोत का मानना है कि ऐसा करना उसकी जान को जोखिम पहुंचाना होगा। उक्त व्यक्ति के नाम का खुलासा करना उसके साथ विश्वासघात होगा।  सीपीआईएल ने लिखा है कि भ्रष्टाचार के मामले उजागर करने वाले अनेक व्हीसल ब्लोअर को मौत के घाट उतार दिए जाने की घटना को ध्यान में रखकर भी यह फैसला लिया गया है। हलफनामे में सत्येन्द्र दुबे, एस मंजूनाथ, शेहला मसूद और अमित जेठवा जैसे सूचना के अधिकार (आरटीआई) कार्यर्कताओं और मुखबिरों की हत्या किए जाने का उल्लेख करते हुए कहा गया है कि  इन सभी की हत्याएं तभी हुई थीं जब इनके नाम उजागर हुए थे। उन्होंने लिखा है कि सिन्हा ने मीडिया में टूजी स्पेक्ट्रम आबंटन घोटाले के आरोपियों से मिलने जुलने की बात स्वीकार की थी, लेकिन अपने हलफनामे में उन्होंने मुलाकात से इनकार करते हुए कहा है आगंतुक रजिस्टर में अंकित 90 प्रतिशत नाम फर्जी हैं।

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