गाजियाबाद/लखनऊ | राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अजित सिंह के दिल्ली स्थित सरकारी आवास को खाली कराने के लिए उठाए गए दंडात्मक कदम के विरोध में गुरुवार को उत्तर प्रदेश में रालोद समर्थकों और भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) से जुड़े कार्यकर्ताओं ने हंगामा किया। गाजियाबाद के समीप मुरादनगर कस्बे में प्रदर्शन के हिंसक होने से करीब 200 किसान और पुलिसकर्मी घायल हो गए। अजित सिंह के चुनाव में पराजित रहने के बाद नई दिल्ली के तुगलक रोड स्थित सरकारी बंगले की बिजली पानी रोकने के खिलाफ में दोनों संगठनों के कार्यकर्ताओं ने गाजियाबाद के मुरादनगर में पानी के रेगुलेटर पर कब्जा कर लिया। गंगनहर से जुड़े इसी रेगुलेटर से दिल्ली को पानी की आपूर्ति की जाती है। मुरादनगर में गंग नहर के पास घटना की शुरुआत तब हुई जब पुलिस ने गंग नहर के नजदीक बैरिकेडिंग कर दी। इससे गुस्साए किसानों ने हंगामा कर दिया। उन्होंने मौके पर पथराव और आगजनी की। इसके जवाब में पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया। साथ ही आंसू गैस के गोले भी दागे। हंगामे में कुछ किसानों और पुलिसकर्मियों को चोटें आई हैं।प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 58 पर यातायात जाम कर दिया और दिल्ली के सोनिया विहार जल शोधन संयंत्र को होने वाली पानी की आपूर्ति रोक दी।विजय नगर थाने के प्रभारी अरुण कुमार सिंह को गंभीर चोटें आई हैं और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। रालोद नेता वीरपाल सिंह को गोली लगी है और उन्हें सुविद्या अस्पताल में भर्ती कराया गया है।इस बीच मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि उप्र सरकार चौधरी चरण सिंह का सम्मान करती है। किसानों को यदि आंदोलन करना है, तो वह दिल्ली जाकर करें। बेवजह यहां हंगामा करके उप्र के लोगों को परेशान न करें।