• न्यायमूर्ति दत्तू के खिलाफ सुनवाई कल,यौन प्रताड़ना का आरोप

    नई दिल्ली ! दिल्ली उच्च न्यायालय बुधवार को रॉ की एक पूर्व महिला अधिकारी और वकील की उस याचिका पर सुनवाई के लिए राजी हो गया, जिसमें सर्वोच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति एच. एल. दत्तू को देश का अगला प्रधान न्यायाधीश नियुक्त किए जाने को चुनौती दी गई है। महिला याचिकाकर्ता ने न्यायमूर्ति दत्तू पर यौन प्रताड़ना का आरोप लगाया है।...

    नई दिल्ली !   दिल्ली उच्च न्यायालय बुधवार को रॉ की एक पूर्व महिला अधिकारी और वकील की उस याचिका पर सुनवाई के लिए राजी हो गया, जिसमें सर्वोच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति एच. एल. दत्तू को देश का अगला प्रधान न्यायाधीश नियुक्त किए जाने को चुनौती दी गई है। महिला याचिकाकर्ता ने न्यायमूर्ति दत्तू पर यौन प्रताड़ना का आरोप लगाया है।51वर्षीय महिला ने यौन प्रताड़ना का आरोप लगाते हुए न्यायमूर्ति दत्तू को प्रधान न्यायाधीश नियुक्त करने संबंधी राष्ट्रपति से की गई सरकार की सिफारिश को निरस्त करने की मांग की है।मुख्य न्यायाधीश जी. रोहिणी और न्यायमूर्ति आर. एस. एंडलॉ की खंडपीठ इस मामले पर गुरुवार को सुनवाई करेगी।केंद्र सरकार की ओर से पेश अतिरिक्त महाधिवक्ता संजय जैन ने याचिका का यह कहते हुए विरोध किया कि यह अर्जी तुच्छ हैं और यह स्वीकार किए जाने के लायक नहीं है।महिला ने अपनी याचिका में कहा है, "सरकार की ओर से न्यायमूर्ति एच. एल. दत्तू को प्रधान न्यायाधीश के रूप में नियुक्त करने के लिए राष्ट्रपति को की गई अनुशंसा रद्द की जाए।"महिला ने आरोप लगाया है कि 2011 में जब वह कानून की छात्रा थीं, तब न्यायमूर्ति दत्तू ने उनके सभी अदालती मामलों की सुनवाई महिला के कार्यस्थल, सर्वोच्च न्यायालय में शुरू की।याचिका में कहा गया है, "उन्होंने (दत्तू) उसके बाद से उसका गंभीर रूप से यौन प्रताड़ना किया। जबकि सर्वोच्च न्यायालय के विशाखा दिशानिर्देश के तहत यदि कोई तीसरा पक्ष उसके साथ इस तरह की हरकत करता तो उससे रक्षा की जिम्मेदारी उनकी बनती थी।"याचिका में कहा गया है कि न्यायमूर्ति दत्तू ने महिला के सभी मामले खारिज कर दिए और महिला ने उनके खिलाफ पुलिस, राष्ट्रीय महिला आयोग और दिल्ली महिला आयोग में भी शिकायत दर्ज कराई।यह महिला रिसर्च एंड एनेलीसिस विंग (रॉ) में 1987 बैच की प्रथम श्रेणी की कार्यकारी काडर की अधिकारी थीं और उन्हें 2009 में अनिवार्य सेवानिवृत्ति मिल चुकी है।

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