• लव जेहाद पर 'समाजवाद' भारी!

    नई दिल्ली ! लोकसभा चुनावों के चार महीने बाद ही नौ राज्यों में हुए उप चुनावों में भारतीय जनता पार्टी को बड़ा झटका लगा है। खासकर उत्तर प्रदेश में भाजपा द्वारा तथाकथित रूप से लव जेहाद का राग अलापना चुनावी मुद्दा नहीं बन सका जबकि, मुलायम सिंह का समाजवाद परवान चढ़ गया। भाजपा को उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी ने पटखनी दे दी और राजस्थान तथा गुजरात में कांग्रेस उसके किले में सेंध लगाने में सफल रही। नौ राज्यों की 32 विधानसभा सीटों व तीन लोकसभा सीटों पर हुए उप चुनावों में हालांकि भाजपा 12 विधानसभा सीटें जीतकर सबसे आगे रही लेकिन विपक्षी दलों ने 14 सीटें उससे तथा उसके सहयोगी दलों से छीनकर उसे करारा नुकसान पहुंचाया है। ...

    भाजपा को झटका, सपा-कांग्रेस ने मारी बाजी नई दिल्ली !   लोकसभा चुनावों के चार महीने बाद ही नौ राज्यों में हुए उप चुनावों में भारतीय जनता पार्टी को बड़ा झटका लगा है।  खासकर उत्तर प्रदेश में भाजपा द्वारा तथाकथित रूप से लव जेहाद का राग अलापना चुनावी मुद्दा नहीं बन सका जबकि, मुलायम सिंह का समाजवाद परवान चढ़ गया। भाजपा को उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी ने पटखनी दे दी और राजस्थान तथा गुजरात में कांग्रेस उसके किले में सेंध लगाने में सफल रही। नौ राज्यों की 32 विधानसभा सीटों व तीन लोकसभा सीटों पर हुए उप चुनावों में हालांकि भाजपा 12 विधानसभा सीटें जीतकर सबसे आगे रही लेकिन विपक्षी दलों ने 14 सीटें उससे तथा उसके सहयोगी दलों से छीनकर उसे करारा नुकसान पहुंचाया है। उप चुनाव में मिली शानदार सफलता से उत्साहित उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने लोकसभा चुनावों के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अच्छे दिन आएंगे के नारे पर कटाक्ष करते हुए कहा कि 'अच्छे दिन अच्छी बातÓ  अच्छे परिणाम आ गए। इन उप चुनावों में समाजवादी पार्टी को आठ., कांग्रेस को सात तथा अन्य दलों को पांच सीटें मिली। भाजपा के लिए एक अच्छी बात यह रही कि वह एक लंबे अर्से के बाद पश्चिम बंगाल में अपना खाता खोलने में सफल रही। लोकसभा चुनावों में विपक्ष का सूपड़ा साफ करने वाली भाजपा लगातार तीसरे उप चुनावों में कोई खास प्रदर्शन नहीं कर सकी। आम चुनाव के तुरंत बाद उत्तराखंड में हुए उप चुनावों में उसे तीनों सीटों पर हार का मुंह देखना पड़ा था। पिछले माह चार राज्यों की 18 सीटों पर हुए उप चुनाव में वह और उसके सहयोगी दल आठ सीटें ही जीत सके । उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी ने ग्यारह में से आठ सीटें जीतकर अपनी साख को एक बार फिर कायम करने की शुरुआत की।  राजस्थान में पिछले विधानसभा चुनाव में बुरी तरह पराजित हुई कांग्रेस ने चार में से तीन सीटें भाजपा से छीनकर जबरदस्त वापसी की। गुजरात से नरेंद्र मोदी के हटने का लाभ उठाते हुए कांग्रेस ने भाजपा की तीन सीटों पर कब्जा जमाया। ये सभी सीटें उसने भाजपा से हथियाई हैं। भाजपा केवल तीन सीट ही बचाने में सफल रही। पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता सैयद शाहनवाज हुसैन ने कहा कि ये स्थानीय मुद्दों पर स्थानीय स्तर पर लड़े गए चुनाव थे। यह वोट न प्रदेश के लिए था और न ही देश के लिए। उन्होंने कहा कि इन्हें राष्ट्रीय परिदृश्य में नहीं देखा जाना चाहिए। एक अन्य प्रवक्ता नलिन कोहली ने भी कहा कि पार्टी हार को स्वीकार करती है और कारणों का आकलन कर आगे के चुनाव में मजबूती से लड़ेगी। उन्होंने कहा कि कुछ सीटों पर हार का यह भी कारण हो सकता है कि लोग पार्टी नेता द्वारा सीट खाली करने से नाराज हों और वे चाहते हों कि जिस नेता को उन्होंने चुना है वह पांच साल तक उनके लिए काम क्यों नहीं करता। उन्होंने कहा कि इन सब बातों पर विचार किया जाएगा। भाजपा को मैनपुरी लोकसभा सीट के लिए हुए उप चुनाव में भी हार का सामना करना पड़ा है। गुजरात में भी वह क्लिन स्वीप नहीं कर सकी तथा उसे 9 में से 6 सीटों पर ही जीत मिली है जबकि तीन सीट कांग्रेस के खाते में गई है। वडोदरा लोकसभा सीट पर भाजपा को जीत मिली है।राजस्थान में विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को चारों खाने चित करने वाली भाजपा को केवल एक सीट पर जीत मिली है जबकि तीन कांग्रेस के खाते में गई है। पार्टी के लिए राहत की बात यह रही कि पश्चिम बंगाल में उसका खाता खुल गया है और उसे एक विधान सभा सीट पर जीत मिली है। असम में भी पार्टी को एक सीट ही मिल पाई। हार से परेशान भाजपा इसे गंभीर मानते हुए आत्ममंथन की बात कह रही है। भाजपा की अब असल चिंता हरियाणा व महाराष्टï्र में संपन्न होने जा रहे विधानसभा चुनावों को लेकर बढ़ गई है। वहीं गैर भाजपाई    दलों की बाछें खिल गईं है। उत्तर प्रदेश की जनता विकास व खुशहाली के रास्ते पर ले जाने वालों के समर्थन में खड़ी है। सांप्रदायिकता के नाम पर वोट बटोरने की चाहत रखने वालों को इस परिणाम से सबक मिल गया होगा : अखिलेश यादव, मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश ये स्थानीय मुद्दों पर स्थानीय स्तर पर लड़े गए चुनाव थे। यह वोट न प्रदेश के लिए था और न ही देश के लिए : सैयद शाहनवाज हुसैन , राष्ट्रीय प्रवक्ता भाजपा नौ राज्यों में 33 विधानसभा सीटों पर हुए उप चुनाव के परिणाम देश, कांग्रेस व जीत हासिल करने वाले अन्य दलों के लिए अच्छे संकेत हैं और भाजपा के लिए बुरा संकेत : शकील अहमद, कांग्रेस उप चुनाव लोकसभा सीट   मेडक : टीआरएसमैनपुरी : सपावडोदरा  : भाजपाउप्र विस के नतीजे सपा :     08 भाजपा:  03 कांग्रेस :  00 अपना दल : 00

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