• नहीं चला भाजपा का भगवा कार्ड

    लखनऊ ! लोकसभा चुनाव में शानदार सफलता हासिल करने वाली भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सितारे चार महीने में ही अर्श से फर्श पर आ गए हैं। जिस नरेंद्र मोदी ने विकास की दुहाई देकर भाजपा को सत्ता दिलाई आज उपचुनाव में उन्हीं के संसदीय क्षेत्र में में समाजवादी पार्टी (सपा) ने बड़ी सेंधमारी करते हुए रोहनिया विधानसभा सीट राजग से छीन ली है। लव जिहाद का मुद्दा छेडऩा भी भाजपा के काम न आया। उप चुनावों में मिली जीत से सपा में जान आ गई, जो लोकसभा चुनावों में मिली बुरी मात के बाद से ही सदमे में दिखाई दे रही थी। इस बार के उपचुनाव में भाजपा ने लव जिहाद नामक हथियार का प्रयोग किया और उसमें सांप्रदायिकता की चाशनी भी लगाई।...

    उप चुनाव के परिणामों से सपा खेमे में आई जानचुनाव में हार जीत तो लगी रहती है। जीत के बाद अति आत्मविश्वास से बचना चाहिए और हार के बाद उससे सीख लेकर आगे बढऩे की प्रेरणा लेनी चाहिए। किसी भी चुनाव की जीत का आधार टिकट बंटवारा और प्रचार की व्यूह रचना होती है। हार से सीख लेकर आत्ममंथन किया जाएगा:योगी आदित्यनाथ, भाजपा नेतालखनऊ !   लोकसभा चुनाव में शानदार सफलता हासिल करने वाली भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सितारे चार महीने में ही अर्श से फर्श पर आ गए हैं। जिस नरेंद्र मोदी ने विकास की दुहाई देकर भाजपा को सत्ता दिलाई आज उपचुनाव में उन्हीं के संसदीय क्षेत्र में में समाजवादी पार्टी (सपा) ने बड़ी सेंधमारी करते हुए रोहनिया विधानसभा सीट राजग से छीन ली है। लव जिहाद का मुद्दा छेडऩा भी भाजपा के काम न आया। उप चुनावों में मिली जीत से सपा में जान आ गई, जो लोकसभा चुनावों में मिली बुरी मात के बाद से ही सदमे में दिखाई दे रही थी।इस बार के उपचुनाव में भाजपा ने लव जिहाद नामक हथियार का प्रयोग किया और उसमें सांप्रदायिकता की चाशनी भी लगाई। भाजपा ने इसके लिए उपयुक्त किरदार भी ढूंढ़ा और एक भगवाधारी योगी (आदित्यनाथ) को चुनाव प्रचार की कमान सौंप दी। लेकिन सब किए कराए पर पानी फिर गया। इस उपचुनाव में भाजपा के लिए सदमे की बात यह है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की संसदीय सीट के अंतर्गत आने वाली रोहनिया सीट भी सपा ने जीत ली। जबकि अपना दल के खाते की इस सीट की उम्मीदवार कृष्णा पटेल को जिताने के लिए भाजपा ने एड़ी-चोटी का जोर लगा दिया था।आम चुनाव की तरह ही उपचुनाव में पश्चिमी उप्र को सांप्रदायिक मुद्दों ने लगातार गरम रखा। मथुरा में भाजपा की प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक में अनौपचारिक तौर पर लव जिहाद का मुद्दा उठाया गया। चुनाव प्रचार के दौरान योगी आदित्यनाथ ने कई विवादास्पद बयान दिए, पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने भी सांप्रदायिक तनाव को लेकर बयानबाजी की, लेकिन यह सब किसी काम न आया। सूत्र बताते हैं कि 10 विधानसभा सीटों पर भाजपा भितरघात की भी शिकार हुई है। सफल रही मुलायम की रणनीतिमुलायम ने एक विधानसभा सीट पर कई मंत्रियों को जिम्मेदारी सौंपी थी और साथ ही उनको स्पष्ट तौर पर हिदायत दी थी कि यदि परिणाम पक्ष में नहीं आए तो उनकी जवाबदेही तय की जाएगी। मुलायम के सख्त रुख को भांपकर मंत्रियों ने अपने-अपने क्षेत्रों में पूरी ताकत झोंक दी और इसका लाभ पार्टी को मिला। पार्टी को 11 में से 8 विधानसभा सीटों पर जीत हासिल हुई।

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