• गठबंधनों की 'दरक' रही दीवार

    नई दिल्ली ! महारष्ट्र विस चुनावों में पहले से चल रहे गठबंधनों में दरारें दिखने लगी हैं। सीटों को लेकर जहां भाजपा-शिवसेना के बीच रार कायम है वहीं राज्य में कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन में भी सीटों के बटवारे को लेकर विवाद शुरू हो गया है। मिल रही जानकारी के अनुसार, शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे 150 सीटों पर विधानसभा चुनाव लडऩे के लिए अड़े हैं तो भाजपा ने 135-135 का फार्मूला दिया है। भाजपा ने इसी फार्मूले पर अन्य सहयोगी दलों को बची हुई 18 सीटें देने का भी प्रस्ताव रखा है। कांग्रेस और एनसीपी गठबंधन में भी टूट के आसार दिखने लगे हैं। शरद पवार की एनसीपी सोमवार को उस समय जोश में दिखी जब एक मंत्री सहित नौ निर्दलीय विधायक पार्टी में शामिल हुए।...

    महारष्ट्र विस चुनावभाजपा व कांग्रेस के सहयोगी दल ज्यादा सीटों को लेकर अड़ेनई दिल्ली महारष्ट्र विस चुनावों में पहले से चल रहे गठबंधनों में दरारें दिखने लगी हैं। सीटों को लेकर जहां भाजपा-शिवसेना के बीच रार कायम है वहीं राज्य में कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन में भी सीटों के बटवारे को लेकर विवाद शुरू हो गया है। मिल रही जानकारी के अनुसार, शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे 150 सीटों पर विधानसभा चुनाव लडऩे के लिए अड़े हैं तो भाजपा ने 135-135 का फार्मूला दिया है। भाजपा ने इसी फार्मूले पर अन्य सहयोगी दलों को बची हुई 18 सीटें देने का भी प्रस्ताव रखा है। कांग्रेस और एनसीपी गठबंधन में भी टूट के आसार दिखने लगे हैं। शरद पवार की एनसीपी सोमवार को उस समय जोश में दिखी जब एक मंत्री सहित नौ निर्दलीय विधायक पार्टी में शामिल हुए। एनसीपी ने स्पष्ट कर दिया कि वह विधानसभा की 288 में से 144 सीटों पर उम्मीदवार उतारने पर अडिग है। उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने कहा कि गेंद अब कांग्रेस के पाले में है। एनसीपी में शामिल होने वाले विधायकों में मानसिंह नाइक, बालासाहेब पाटिल मकरंद पाटिल, रमेश थोरट, बाबासाहेब पाटिल, सुरेश देशमुख, शरद गवित और साहेबराव पाटिल प्रमुख हैं। यही नहीं एनसीपी ने कांग्रेसी नेता नारायण राणे के पूर्व सहयोगी और पूर्व विधायक राजन तेली को भी पार्टी में शामिल किया। अजीत पवार ने नौ निर्दलीय विधायकों के पार्टी में शामिल होने के बाद कहा कि कांग्रेस और एनसीपी के शीर्ष नेताओं ने दिल्ली में सीटों के बंटवारे पर वार्ता की। हम जवाब का इंतजार कर रहे हैं। वहीं शिवसेना ने भाजपा के प्रस्ताव को खारिज करते हुए सोमवार को कहा कि भाजपा को 135 सीटें देना संभव नहीं है। वहीं शिवसेना 150 सीटों पर विधानसभा चुनाव लडऩे के लिए अड़ी है तो भाजपा ने 135-135 का फार्मूला दिया है। शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने सोमवार को कहा कि 25 साल से हमारा गठबंधन चल रहा है और कायम है। मैंने अपनी मांग रखी है। मैंने अपनी भूमिका के बारे में भाजपा को बता दिया है। वहीं दूसरी ओर पुराने गठबंधन सहयोगी शिव सेना के साथ सीटों के बंटवारे को लेकर चल रही तनातनी के बीच भारतीय जनता पार्टी ने स्पष्ट किया कि वह गठबंधन बनाए रखना चाहती है और दोनों के बीच बातचीत सही दिशा में जा रही है। भाजपा के महाराष्ट्र प्रभारी राजीव प्रताप रूडी ने यहां कहा कि शिवसेना भाजपा का पुराना और विश्वसनीय सहयोगी है। उसके साथ बातचीत हो रही है और यह सही दिशा में जा रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा ने शिव सेना प्रमुख के पास एक प्रस्ताव भेजा है जिसमें कहा गया है कि गठबंधन के छोटे सहयोगी दलों को सीटें देने के बाद जो सीटें बचती हैं उन्हें दोनों के बीच बराबर बांट लिया जाए। उन्होंने कहा कि भाजपा उनके जवाब का इंतजार कर रही है और इस बारे में अभी से कोई टिप्पणी करना जल्दबाजी होगी।   मौजूदा राजनीतिक हालात में हालांकि सभी सियासी दलों के लिए गठबंधन के तहत ही चुनाव लडऩे में फायदा है, यह बात सभी को पता है। बावजूद इसके अपने वजूद को बड़ा करने के लिए सियासी दल अपने गठबंधन की राजनीति में अवरोध पैदा कर रहे हैं।

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