• कश्मीर में बाढ़ : अब तक 2.34 लाख लोग बचाए गए

    नई दिल्ली ! सेना के जवानों और राष्ट्रीय आपदा कार्रवाई बल (एनडीआरएफ) ने भीषण बाढ़ से तबाह जम्मू एवं कश्मीर में राहत और बचाव कार्यो के तहत राज्य के विभिन्न हिस्सों में अब तक 2,34,000 से ज्यादा लोगों की जानें बचाई हैं। नौसेना कमांडो की तीन टीम वातलब, विडिपुरा और टांकपुरा में जारी बचाव कार्यो में पूरी तरह से जुटी हुई हैं। वैसे तो बाढ़ का पानी अब उतरने लगा है, लेकिन इससे जल-जनित बीमारियां फैलने का खतरा बढ़ गया है। हर दिन 4 लाख लीटर को फिल्टर करने की क्षमता वाले 20 आरओ प्लांट हैदराबाद से सोमवार को श्रीनगर भेजे गए।...

    नई दिल्ली ! सेना के जवानों और राष्ट्रीय आपदा कार्रवाई बल (एनडीआरएफ) ने भीषण बाढ़ से तबाह जम्मू एवं कश्मीर में राहत और बचाव कार्यो के तहत राज्य के विभिन्न हिस्सों में अब तक 2,34,000 से ज्यादा लोगों की जानें बचाई हैं। नौसेना कमांडो की तीन टीम वातलब, विडिपुरा और टांकपुरा में जारी बचाव कार्यो में पूरी तरह से जुटी हुई हैं। वैसे तो बाढ़ का पानी अब उतरने लगा है, लेकिन इससे जल-जनित बीमारियां फैलने का खतरा बढ़ गया है। हर दिन 4 लाख लीटर को फिल्टर करने की क्षमता वाले 20 आरओ प्लांट हैदराबाद से सोमवार को श्रीनगर भेजे गए। इसी तरह हर दिन एक लाख लीटर को फिल्टर करने की क्षमता वाले चार आरओ प्लांट दिल्ली से श्रीनगर भेजे गए। जल को शुद्ध करने वाली 13 टन टैबलेट और हर दिन 1.2 लाख बोतलों को फिल्टर करने की क्षमता रखने वाले छह संयंत्र इससे पहले श्रीनगर भेजे गए थे। कई और भारी-भरकम जल निकासी पंप जोधपुर और रायपुर से हवाई मार्ग के जरिये घाटी भेजे जा रहे हैं। इसी तरह दिल्ली से सीवेज पंप घाटी के लिए रवाना किए जा चुके हैं। राहत शिविरों और फील्ड हॉस्पिटल में बिजली की आपूर्ति बढ़ाने के लिए 3 से 5 केवीए की क्षमता वाले 30 जेनरेटर सेट भी श्रीनगर भेज दिए गए हैं। राज्य में संचार प्रणालियों को दुरुस्त करने के लिए बीएसएनएल के संचार उपकरण वहां भेजे जा रहे हैं। बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में हवाई मार्ग से सोमवार को 33000 से भी ज्यादा कंबल भेजे जा रहे हैं, जिन्हें कपड़ा मंत्रालय, रेडक्रॉस सोसायटी और झारखंड एवं पंजाब की सरकार ने प्रदान किया है। इससे पहले बाढ़ से पीड़ित लोगों के बीच 8,200 कंबल बांटे गए थे। इसी तरह इन लोगों को 1572 टेंट मुहैया कराए गए थे। सशस्त्र बल चिकित्सा सेवाओं की 80 टीम जोर-शोर से अपने काम में जुटी हुई हैं। अवंतिपुर, पट्टन, अनंतनाग और ओल्ड एयरफील्ड में चार फील्ड हॉस्पिटल खोले गए हैं जहां रोगियों को चिकित्सा सेवा मुहैया कराई जा रही है। अब तक इन्होंने 53,082 मरीजों का इलाज किया है। दिल्ली, अराकोनम और अमृतसर से टेंट, पानी की बोतलों और खाद्य पैकेट समेत कुछ और राहत सामग्री हवाई मार्ग से भेजी जा रही है। भारतीय वायु सेना और आर्मी एविएशन कोर के 80 परिवहन विमान एवं हेलिकॉप्टर राहत और बचाव कार्य में लगे हुए हैं। सेना ने तकरीबन 30 हजार सैनिकों को राहत और बचाव कार्यो में लगाया है। रक्षाकर्मी बड़े पैमाने पर पानी की बोतलें और खाद्य पैकेट वितरित कर रहे हैं। अब तक तकरीबन 6 लाख लीटर पानी एवं 1313 टन से ज्यादा खाद्य पैकेट/पके खाद्य पदार्थ बाढ़ पीड़ितों के बीच वितरित किए जा चुके हैं। रक्षाबलों ने श्रीनगर और जम्मू क्षेत्र में 19 राहत शिविर भी लगाए हैं। श्रीनगर क्षेत्र में बीबी कैंट, अवंतिपुर, ओल्ड एयरफील्ड, सुम्बल, छत्रगाम और जीजामाता मंदिर में शिविर लगाए गए हैं, जहां बाढ़ की त्रासदी से बचाए गए हजारों लोगों ने शरण ले रखी है। इन सभी को खाद्य पदार्थ एवं अन्य बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराई जा रही हैं। सड़क संपर्क बहाल करने के लिए सीमा सड़क संगठन के पांच कार्यदल, जिनमें 5700 कर्मी शामिल हैं, श्रीनगर, रजौरी और अखनूर में तैनात किए गए हैं। उन्होंने बटोटे-बिजबियारा सड़क संपर्क को सफलतापूर्वक बहाल कर दिया है। श्रीनगर-सोनामार्ग सड़क संपर्क को सभी तरह के वाहनों के लिए खोल दिया गया है। वहीं, श्रीनगर-बारामूला सड़क को हल्के वाहनों के लिए खोल दिया गया है। जम्मू-पुंछ रास्ते को यातायात के लिए साफ कर दिया गया है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में स्थितियों पर लगातार नजर रखी जा रही है। इसके साथ ही नई दिल्ली स्थित आईडीएस के मुख्यालय में सुधरते हालात को अपडेट किया जा रहा है।

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