• अरुणाचल, सिक्किम के लिए बिजली ट्रांसमिशन स्कीम को मंजूरी

    नई दिल्ली ! प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों से संबद्ध समिति ने सोमवार को अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम में ट्रांसमिशन और वितरण प्रणाली को मजबूत करने की व्यापक स्कीम को मंजूरी दे दी। इस स्कीम पर 4754.42 करोड़ रुपये की लागत आएगी। यह स्कीम बिजली मंत्रालय की नई केंद्रीय क्षेत्र योजना के तहत चलाई जा रही है। पूर्वोत्तर क्षेत्र के राज्यों में एक राज्य से दूसरे राज्य में ट्रांसमिशन और वितरण प्रणाली बहुत कमजोर रही हैं इसलिए केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण ने पॉवर कॉपोर्रेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड और संबंधित राज्य सरकारों के परामर्श से पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए ट्रांसमिशन और वितरण प्रणाली को मजबूत करने की व्यापक स्कीम विकसित की है। ...

    नई दिल्लीप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों से संबद्ध समिति ने सोमवार को अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम में ट्रांसमिशन और वितरण प्रणाली को मजबूत करने की व्यापक स्कीम को मंजूरी दे दी। इस स्कीम पर 4754.42 करोड़ रुपये की लागत आएगी। यह स्कीम बिजली मंत्रालय की नई केंद्रीय क्षेत्र योजना के तहत चलाई जा रही है। पूर्वोत्तर क्षेत्र के राज्यों में एक राज्य से दूसरे राज्य में ट्रांसमिशन और वितरण प्रणाली बहुत कमजोर रही हैं इसलिए केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण ने पॉवर कॉपोर्रेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड और संबंधित राज्य सरकारों के परामर्श से पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए ट्रांसमिशन और वितरण प्रणाली को मजबूत करने की व्यापक स्कीम विकसित की है। फिलहाल अरुणाचल प्रदेश के 20 जिलों में से सिर्फ 5 ही 132/220 किलोवाट के ट्रांसमिशन नेटवर्क से जुड़े हैं। राज्य में 33 किलोवाट प्रणाली विजली वितरण व्यवस्था की रीढ़ है। 84,000 वर्ग किलोमीटर के भौगोलिक क्षेत्र में कम घनत्व की आबादी के कारण अरुणाचल प्रदेश में बिजली की मांग बहुत दूर तक छितरी हुई है। इसलिए समुचित वोल्टेज प्रबंधन और निम्न वितरण हानि के लिए राज्य में 132 किलोवाट कनेक्टिविटी उपलब्ध कराना आवश्यक है। इसी तरह सिक्किम में वितरण प्रणाली मुख्य रूप से 66 किलोवाट नेटवर्क पर निर्भर है जिसे मजबूत बनाने की जरूरत है। इसके मद्देनजर इस क्षेत्र के राज्यों में अंतर-राज्य ट्रांसमिशन और वितरण प्रणाली को मजबूत करने के लिए परियोजनाएं चलाने का प्रस्ताव किया गया जिसके तहत दो राज्यों में 31 नए 132 किलोवाट सब-स्टेशन, 66/11 किलोवाट के 14 सब-स्टेशन, 2035 किमी लंबी ट्रांसमिशन लाइन (132 और 220 किलोवाट) तथा 2204 किलोमीटर ट्रांसमिशन लाइन (33 और 66 किलोवाट) शामिल है। यह परियोजना पहली निधि जारी होने से 48 महीनों के अंदर कार्यान्वित की जानी है।

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