बारिश की आंख-मिचौनी के बीच राहत अभियान जारीश्रीनगर ! राज्यभर में बारिश की ताजा आंख मिचौनी के बीच हालांकि बाढग़्रस्त इलाकों में फंसे हुए लोगों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाने में कुछ बाधा आई पर बावजूद इसके लोगों को निकालने का कार्य नहीं रुका और आज भी 60 हजार लोगों को समाचार भिजवाए जाने तक सुरक्षित निकाला जा चुका था। इसके साथ ही कुल 3 लाख लोगों को निकाला जा चुका है जबकि, अभी भी दो लाख लोग फंसे हुए हैं। नार्थ कश्मीर में भी बाढ़ के हालात के बीच वहां कुछ लोगों के मरने का समाचार है। जबकि श्रीनगर से भी लाशों का मिलना जारी था। फिलहाल कुल मौतों के आंकड़े के बारे में कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है पर इतना जरूर था कि श्रीनगर से उतरता बाढ़ का पानी महामारी को जरूर ला रहा था। इस बीच राज्य में बाढ़ का उतरता पानी चाहे अभी तक जिंदगी को पटरी पर नहीं ला पाया था लेकिन राज्य सरकार जरूर पटरी पर लौटने लगी थी। राज्य सरकार ने अपने कर्मचारियों को कार्यालयों में रिपोर्ट करने के निर्देश दिए हैं तथा बाढ़ पीडि़तों के लिए मदद की कई और घोषणाएं की हैं।तीन लाख लोगों को निकाला गया बारिश की वजह से रविवार की सुबह बाढ़ प्रभावित जम्मू-कश्मीर में राहत अभियान थोड़ा प्रभावित हुआ, वहीं कश्मीर घाटी में बाढ़ में फंसे 60,000 और लोगों को सेना और एनडीआरएफ बचाव टीमों ने निकाला। मौत और तबाही लाने वाली सदी की राज्य की सबसे त्रासद बाढ़ में पिछले कुछ दिनों से 5 लाख से अधिक लोग बेबस, असहाय बने हुए हैं। घाटी के कई हिस्से में हल्की बारिश हुई, जिससे इलाके में दिक्कतें और बढऩे की आशंका होने लगी। महामारी का खतरा बढ़ा श्रीनगर में बाढ़ का पानी जैसे-जैसे कम हो रहा है महामारी पैदा होने का खतरा बढ़ता जा रहा है। राहतकर्मियों के सामने सबसे बड़ी चुनौती इस खतरे से राज्य को बचाना है। सशस्त्र सीमा बल के मेडिकल कमांडेंट डॉ. पीएम काबुई ने चेतावनी दी कि हम महामारी पैदा होने के टाइम बम पर बैठे हुए हैं। घड़ी की सुइयां तेजी से घूम रही हैं और यदि तुरंत कदम नहीं उठाए गए तो बड़े पैमाने पर एक और आपदा समूची कश्मीर घाटी को अपनी चपेट में ले सकती है। कर्मचारियों को दफ्तर पहुंचने का निर्देश राज्य सरकार ने अपने कर्मचारियों से अपने दफ्तर पहुंचने का निर्देश दिया। दफ्तर न पहुंचने वाले कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की चेतावनी दी गई है। मुख्य सचिव ने कर्मचारियों से कहा है कि उन्हें भीषण बाढ़ की वजह से उत्पन्न हुई दिक्कतों को दूर करने में मदद करने की जरूरत है।