• भारत, जापान 21वीं सदी का नेतृत्व करेंगे

    टोक्यो ! प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि भारत और जापान की मैत्री 21वीं सदी की रूपरेखा निर्धारित करेगी। विवेकानंद सांस्कृतिक केंद्र का यहां उद्घाटन करने के बाद भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा, "इस बात में कहीं से भी संदेह नहीं कि 21वीं सदी एशिया की सदी है। लेकिन भारत और जापान की दोस्ती इसका स्वरूप तय करेगी।"...

    टोक्यो !  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि भारत और जापान की मैत्री 21वीं सदी की रूपरेखा निर्धारित करेगी। विवेकानंद सांस्कृतिक केंद्र का यहां उद्घाटन करने के बाद भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा, "इस बात में कहीं से भी संदेह नहीं कि 21वीं सदी एशिया की सदी है। लेकिन भारत और जापान की दोस्ती इसका स्वरूप तय करेगी।"उन्होंने कहा, "21वीं सदी की दशा और दिशा इस बात पर निर्भर करेगी कि भारत और जपान दुनिया को किस दिशा में ले जाना चाहते हैं।"उन्होंने कहा कि भारत के युवाओं ने आईटी सेक्टर में उल्लेखनीय प्रदर्शन कर विश्व समुदाय का ध्यान भारत की ओर खींचा है।उन्होंने कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी क्रांति का ही परिणाम है कि विश्व समुदाय का भारत के बारे में नजरिए में एक भारी बदलाव आया।मोदी ने कहा, "हम कंप्यूटर का माउस घुमाते हैं और दुनिया भी घूमती है।"उन्होंने कहा कि भारतीयों के स्वाभिमान के साथ कोई समझौता नहीं किया जाना चाहिए।मोदी ने कहा, "दुनिया का केवल यही समुदाय अपनी ताकत में विश्वास रखता है और उसे अपने आप पर अभिमान और भरोसा है। हमें कभी अपने स्वाभिमान से समझौता नहीं करना चाहिए।"उन्होंने जापान में रहने वाले भारतीय समुदाय से और प्रभाव पैदा करने और जापान के लोगों से भारत की यात्रा करने की अपील की जिससे भारत में पर्यटन की संभावनाओं को बल मिल सके।मोदी ने कहा, "जापान में करीब 23000 भारतीय या 5000 भारतीय परिवार रह रहे हैं। यदि हर परिवार पांच जापानी परिवारों को भारता की यात्रा पर आने के लिए प्रेरित करे तो कुल 25000 जापानी परिवार या करीब 75000 से 100,000 जापानी हर वर्ष भारत की यात्रा पर आएंगे। इससे हमारे पर्यटन उद्योग को काफी बल मिलेगा।"

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