• किंगफिशर की याचिका पर सुनवाई से न्यायालय का इंकार

    सर्वोच्च न्यायालय ने मंगलवार को विमानन कंपनी किंगफिशर एयरलाइंस की एक याचिका पर सुनवाई करने से इंकार कर दिया। याचिका में कहा गया था कि युनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया को कंपनी का पक्ष सुने बगैर उसे 'इरादतन दिवालिया' घोषित नहीं करना चाहिए था। न्यायमूर्ति अनिल आर. दवे की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि यह याचिका निष्प्रयोजन हो चुकी है, क्योंकि बैंक ने पहले ही कंपनी को 'इरादतन दिवालिया' घोषित कर दिया है।...

    नई दिल्ली | सर्वोच्च न्यायालय ने मंगलवार को विमानन कंपनी किंगफिशर एयरलाइंस की एक याचिका पर सुनवाई करने से इंकार कर दिया। याचिका में कहा गया था कि युनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया को कंपनी का पक्ष सुने बगैर उसे 'इरादतन दिवालिया' घोषित नहीं करना चाहिए था। न्यायमूर्ति अनिल आर. दवे की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि यह याचिका निष्प्रयोजन हो चुकी है, क्योंकि बैंक ने पहले ही कंपनी को 'इरादतन दिवालिया' घोषित कर दिया है।सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि इस आदेश को कोलकाता उच्च न्यायालय में चुनौती दी जा सकती है। किंगफिशर एयरलाइंस के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने अदालत से कहा कि कंपनी को बैंक की शिकायत समिति की बैठक की सूचना शुक्रवार को मिली थी और समिति के समक्ष उपस्थित होने के लिए सिर्फ 72 घंटे का समय दिया गया था। अगला दो दिन शनिवार और रविवार था, जिसमें कुछ नहीं हो सकता था। सिंघवी ने इसे पूर्व नियोजित बताया और कहा कि बैठक सोमवार को 10.30 बजे शुरू हुई और 11.30 बजे समाप्त हो गई। तब तक मीडिया में हर जगह यह बात फैल गई कि किंगफिशर एयरलाइंस को इरादतन दिवालिया घोषित कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि इरादत दिवालिया घोषित कर दिए जाने से कंपनी के पास कारोबारी गतिविधियों के लिए कर्ज लेने के सभी दरवाजे बंद हो गए।


अपनी राय दें