• आत्मरक्षा में हथियार उठाएं महिलाएं : स्मृति

    नई दिल्ली ! मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने समाज में महिलाओं से सशक्त होने का आह्वान करते हुए आज कहा, श्रीकृष्ण उन्हें बचाने नहीं आएंगे बल्कि उन्हें स्वयं अपने खिलाफ हो रहे अन्याय से लडऩे के लिए हथियार उठाना होगा। श्रीमती ईरानी ने यहां वरिष्ठ पत्रकार और लेखक डॉ. सूर्यकांत बाली की पुस्तक (महाभारत का धर्म संकट) का विमोचन करते हुए यह बात कहीं।...

    नई दिल्लीमानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने समाज में महिलाओं से सशक्त होने का आह्वान करते हुए आज कहा, श्रीकृष्ण उन्हें बचाने नहीं आएंगे बल्कि उन्हें स्वयं अपने खिलाफ हो रहे अन्याय से लडऩे के लिए हथियार उठाना होगा। श्रीमती ईरानी ने यहां वरिष्ठ पत्रकार और लेखक डॉ. सूर्यकांत बाली की पुस्तक (महाभारत का धर्म संकट) का विमोचन करते हुए यह बात कहीं। उन्होंने कहा,  महिलाओं को अपनी रक्षा के लिए स्वयं शस्त्र उठाने हैं और खुद अपना बचाव करना है क्योंकि इस युग में उन्हें बचाने के लिए भगवान कृष्ण आने वाले नहीं हैं। उन्होंने कहा कि समाज को उन्नत बनाने के लिए बच्चों को संस्कारी बनाना आवश्यक है। सरकार बच्चों को पढ़ाने के लिए सुविधा दे सकती है लेकिन उन्हें संस्कारी परिवार और समाज ही बना सकता है। उनका कहना था कि धर्म का पालन जरूरी है और यदि धर्म पर संकट आता है तो भगवान राम और भगवान कृष्ण का नाम लेकर धर्म पर आए संकट को दूर किया जा सकता है। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) के सह सरकार्यवाह डॉ. कृष्ण गोपाल ने श्रीमती ईरानी को जवाब देते हुए कहा,  बच्चों को संस्कारी बनाने का काम स्कूलों का भी है। उन्होंने कहा कि स्कूल में मिले संस्कारों के बल पर ही समाज को संस्कारी बनाया जा सकता है। उनका कहना था कि संस्कृत भाषा में समाज को सुसंस्कृत बनाने की क्षमता है।आईआईएम के लिए 13 सूत्री एजेंडा निर्धारितईरानी ने राष्ट्रीय विकास लक्ष्यों सहित विभिन्न क्षेत्रों में प्रबंधन विशेषज्ञता को लाने के लिए आईआईएम के लिए 13 सूत्रीय एजेंडा निर्धारित किया। उन्होंने आईआईएम के अध्यक्षों और निदेशकों से देश के लिए जनशक्ति और शिक्षक शक्ति दोनों के लिए रणनीति तैयार करने के लिए कहा। उन्होंने कहा, आईआईटी और केंद्रीय विश्वविद्यालयों के साथ आईआईएम को प्रख्यात व्यक्तियों का वैश्विक प्रतिभा पूल बनाने की प्रणाली का सृजन करना चाहिए, जो अपनी विशेषज्ञता का न केवल आईआईएम में बल्कि देश के अन्य संस्थानों में भी योगदान कर सकेंगे।

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