• परमाणु समझौते पर नहीं बनी बात

    टोक्यो ! पूर्वी एशिया में चीन के बढ़ते प्रभाव को संतुलित करने की कवायद के तहत भारत और जापान ने अपने रक्षा संबंधों को नया आयाम देने के साथ ही मौजूदा रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी को विशेष साझेदारी में बदलने की सोमवार को घोषणा तो कर दी लेकिन दोनों देशों के बीच असैन्य परमाणु सहयोग समझौते पर बात नहीं बनी। ...

    भारत-जापान के रक्षा व विदेश मंत्री करेंगे मंथन टोक्यो !   पूर्वी एशिया में चीन के बढ़ते प्रभाव को संतुलित करने की कवायद के तहत भारत और जापान ने अपने रक्षा संबंधों को नया आयाम देने के साथ ही मौजूदा रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी को विशेष साझेदारी में बदलने की सोमवार को घोषणा तो कर दी लेकिन दोनों देशों के बीच असैन्य परमाणु सहयोग समझौते पर बात नहीं बनी। इसके लिए दोनों देश अभी और मंथन करेंगे। प्रधानमंत्री के इस दौरे से भारत को उम्मीद थी कि जापान असैन्य परमाणु सहयोग समझौता कर लेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे के साथ यहां द्विपक्षीय प्रतिनिधिमंडल स्तर की बैठक के बाद संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा कि दोनों देशों के रिश्तों को नए स्तर तक ले जाने के लिए हमने मौजूदा रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी को विशेष रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी में बदलने का फैसला किया है। बैठक में दोनों देशों ने रक्षा एवं विदेश मंत्रियों की दो गुना दो संवाद प्रणाली अपनाने पर सैद्धांतिक सहमति जताई और असैन्य परमाणु सहयोग समझौते को जल्द से जल्द अंतिम रूप देने के लिए तेजी से काम करने के  निर्देश दिए।  मोदी ने कहा कि भारत के आर्थिक बदलाव एवं विकास में जापान की अधिक महत्वपूर्ण भूमिका होगी। दोनों देशों के बीच स्वास्थ्य, स्वच्छ ऊर्जा, महिला विकास, सड़क और क्योतो-वाराणसी को लेकर कुल मिलाकर पांच समझौते हुए हैं।  वहीं जापानी प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने कहा कि भारत के साथ संबंधों को बढ़ाकर विशेष रणनीतिक साझेदारी के स्तर पर ले जाया जाना चाहिए। आबे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में यहां मीडिया से कहा, हमें अपने रिश्ते को एक विशेष रणनीतिक साझेदारी में बदलने के लिए अपने संबंधों को हर क्षेत्र में बुनियादी तौर पर सुधारना होगा। आबे ने कहा कि मोदी के साथ अर्थव्यवस्था, संस्कृति और जनता से जनता के बीच के मुद्दों पर मोदी के साथ विचारों का आदान-प्रदान हुआ। उन्होंने कहा कि राजनीतिक और सुरक्षा के मुद्दों पर भी चर्चा हुई और दोनों नेता समुद्री सुरक्षा में सहयोग बढ़ाने पर सहमत हुए। आने वाले दिनों में भारत- जापान की मित्रता कहां और किस मुकाम तक जाकर रुकेगी देखने वाली बात होगी।

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