• श्रीनिवासन को सर्वोच्च न्यायालय से झटका

    नई दिल्ली ! सर्वोच्च न्यायालय ने सोमवार को बीसीसीआई की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उसने एन. श्रीनिवासन को दोबारा अध्यक्ष पद पर आसीन करने का आदेश दिए जाने का अनुरोध किया था। साथ ही न्यायालय ने इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के छठे संस्करण (वर्ष- 2013) में हुए कथित स्पॉट फिक्सिंग और सट्टेबाजी मामलों की जांच के लिए गठित मुकुल मुदुल समिति को अपनी अंतिम रिपोर्ट पेश करने के लिए ...

    नई दिल्लीसर्वोच्च न्यायालय ने सोमवार को बीसीसीआई की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उसने एन. श्रीनिवासन को दोबारा अध्यक्ष पद पर आसीन करने का आदेश दिए जाने का अनुरोध किया था। साथ ही न्यायालय ने इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के छठे संस्करण (वर्ष- 2013) में हुए कथित स्पॉट फिक्सिंग और सट्टेबाजी मामलों की जांच के लिए गठित मुकुल मुदुल समिति को अपनी अंतिम रिपोर्ट पेश करने के लिए दो महीने का अतिरिक्त समय दिया। अदालत इस मामले की अगली सुनवाई अब 10 नवंबर को करेगी। श्रीनिवासन को दोबारा अध्यक्ष बनाए जाने के अनुरोध को भी ठुकराते हुए न्यायालय ने कहा कि वह आईपीएल मामले की जांच पूरी होने से पहले पद को नहीं संभाल सकते। दरअसल, श्रीनिवासन और बीसीसीआई ने कहा था कि चूकी इस महीने के अंत में बोर्ड की वार्षिक बैठक होनी है इसलिए उन्हें पद दोबार संभालने की अनुमति दी जाए। की ओर से दलील पेश कर रहे वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल और ए. सुंदरम ने कहा कि अंतरिम अध्यक्ष शिवलाल यादव बोर्ड के कई विषयों से अनभिज्ञ हैं। ऐसे में वार्षिक बैठक से पहले श्रीनिवासन का पद संभालना जरूरी है। न्यायालय ने हालांकि इस अनुरोध को ठुकराते हुए और अप्रैल में दिए अपने फैसले का हवाला देते हुए कहा कि जांच पूरा होने से पहले इसकी अनुमति नहीं दी जा सकती। अदालत ने कहा, बोर्ड की वार्षिक बैठक हमारा विषय नहीं है। 

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