• प्रसिद्ध इतिहासकार विपिन चंद्रा का निधन

    नई दिल्ली ! प्रख्यात इतिहासकार एवं राष्ट्रीय पुस्तक न्यास के पूर्व अध्यक्ष प्रो. विपिन चंद्रा का आज तडके यहां निधन हो गया। वह 86 वर्ष के थे और काफी दिनों से बीमार चल रहे थे। उनके परिवार में एक बेटा है जो विदेश में रहता है।प्रो.चंद्रा की पत्नी का निधन चार साल पहले हो गया था। ...

    नई दिल्ली !   प्रख्यात इतिहासकार एवं राष्ट्रीय पुस्तक न्यास के पूर्व अध्यक्ष प्रो. विपिन चंद्रा का आज तडके यहां निधन हो गया।  वह 86 वर्ष के थे और काफी दिनों से बीमार चल रहे थे। उनके परिवार में एक बेटा है जो विदेश में रहता है।प्रो.चंद्रा की पत्नी का निधन चार साल पहले हो गया था। श्री चंद्रा का अंतिम संस्कार आज अपराह्न तीन बजे लोधी रोड स्थित विद्युत शवदाह गृह में किया जाएगा।  हिमाचल प्रदेश के कांगडा में 1928 में जन्मे प्रो. चंद्रा जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में इतिहास विभाग में अध्यक्ष रह चुके थे और उनकी गिनती देश के चोटी के इतिहासकारों में होती थी। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से सेवानिवृत होने के बाद वह संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार के कार्यकाल में नेशनल बुक ट्रस्ट के अध्यक्ष भी बनाये गये थे और 2012 तक इस पद पर रहे। वह इन दिनों शहीदे आजम भगत सिंह पर जीवनी लिख रहे थे। प्रो. चंद्रा ने लाहौर और दिल्ली में भी पढाई पूरी की थी। वह दिल्ली विश्वविद्यालय ने हिन्दू कालेज में इतिहास के शिक्षक रह चुके थे। वह 1985 में भारतीय इतिहास कांग्रेस के अध्यक्ष भी बनाये गये थे। इसके अलावा वह विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के सदस्य भी थे। उन्होंने इतिहास पर करीब 20 पुस्तकें लिखी है, जिनमें आधुनिक भारत का इतिहास, आधुनिक भारत और आर्थिक राष्ट्रवाद, सांप्रदायिकता, भारतीय वामपंथ पर उनकी किताबे चर्चित थी। उन्होंने जय प्रकाश नारायण और आपातकाल पर भी किताबे लिखी थी।  इस बीच नेशनल बुक ट्रस्ट.एनबीटी.के निदेशक एम.ए.सिकंदर ने भी प्रो.चंद्रा के निधन पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए कहा कि प्रो.चंद्रा एनबीटी के अध्यक्ष के रूप में इस संस्था को नई ऊंचाइयों पर ले गये थे।

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