• क्यों मीडिया से कटे.कटे रहते हैं मोदी

    नयी दिल्ली ! वित्त एवं रक्षा मंत्री अरुण जेटली ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मीडिया से दूरी बनाए रखने की आदत का बचाव करते हुए कहा है कि मीडिया ने श्री मोदी की बजाय यदि किसी और नेता को लगातार निशाना बनाया होता तो वह बर्बाद हो गया होता। श्री जेटली ने शुक्रवार रात यहां श्री मोदी पर लिखी गई दो पुस्तकों के विमोचन के मौके पर प्रधानमंत्री की मीडिया से दूरी के कारणों पर विस्तार से चर्चा की। ...

    नयी दिल्ली !  वित्त एवं रक्षा मंत्री अरुण जेटली ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मीडिया से दूरी बनाए रखने की आदत का बचाव करते हुए कहा है कि मीडिया ने श्री मोदी की बजाय यदि किसी और नेता को लगातार निशाना बनाया होता तो वह बर्बाद हो गया होता।     श्री जेटली ने शुक्रवार रात यहां श्री मोदी पर लिखी गई दो पुस्तकों के विमोचन के मौके पर प्रधानमंत्री की मीडिया से दूरी के कारणों पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि श्री मोदी को गुजरात का मुख्यमंत्री बने कुछ ही समय हुआ था कि गोधरा की घटना हो गई और उसके बाद गुजरात में साम्प्रदायिक हिंसा भडक उठी। श्री मोदी ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की और कहा कि कुछ लोगों की गलती की सजा निर्दोषों को नहीं दी जानी चाहिए। उनका यह बयान आज भी मौजूद है।     रक्षा मंत्री ने कहा ..एक प्रमुख अखबार ने सवाल.जवाब के फार्मेट में श्री मोदी का एक कथित साक्षात्कार चलाया जिसमें उन्होंने हिंसक प्रतिक्रि या को सही ठहराया था। तब मैं केंद्र में मंत्री था। मैंने श्री मोदी से इस बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि उन्होंने ऐसा कोई साक्षात्कार नहीं दिया है। मैं दिल्ली के एक पांच सितारा होटल में उस अखबार के संपादक से मिला। उन्होंने स्पष्टीकरण छापने का आश्वासन दिया। करीब 20 दिन बाद अखबार ने किसी कोने में छोटा सा स्पष्टीकरण छापा कि ऐसा कोई साक्षात्कार नहीं लिया गया था और इसे टीवी देखकर बनाया गया था।.. श्री जेटली ने कहा कि 1977 में जब लोकसभा चुनावों की घोषणा हुई थी तो विपक्ष के ज्यादातर नेता जेल में थे। कई नेताओं ने चुनावों के बहिष्कार का सुझाव दिया था लेकिन जयप्रकाश नारायण ने सीधे जनता से संपर्क करने का तरीका अपनाया। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने भी यही तरीका अपनाया था और पूरा देश उनके साथ खडा हो गया था। उन्होंने कहा कि श्री मोदी के काम करने का तरीका परंपरा से हटकर है और यही उनकी सफलता का मूलमंत्र है।   आम धारणा यह है कि श्री मोदी अपने मंत्रियों को काम करने की खुली छूट नहीं देते हैं लेकिन सचाई यह है कि उन्होंने अपने मंत्रियों को व्यापक अधिकार दिए हैं लेकिन साथ ही जवाबदेही भी तय की है। उन्होंने कहा ..मेरा मानना है कि श्री मोदी इस बात को लेकर स्पष्ट हैं कि सरकार को कैसे चलाना है।.. श्री जेटली ने वरिष्ठ पत्रकार सुदेश वर्मा द्वारा श्री मोदी पर लिखी पुस्तक ..नरेंद्र मोदी: द गेम चेंजर.. और पावनी सिन्हा तथा निकिता परमार की किताब ..बीइंग मोदी.. का विमोचन किया। 

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