• बसपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक शुरू

    बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की दो दिवसीय बैठक शनिवार को यहां शुरू हुई। बैठक में चार राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों पर मंथन होना हैं। इस बैठक में उन राज्यों के पदाधिकारियों को विशेषतौर पर बुलाया गया है जिन राज्यों में आगामी दिनों में विधानसभा चुनाव होने हैं। बैठक के पहले दिन मायावती को एक बार फिर सर्वसम्मति से राष्ट्रीय अध्यक्ष चुन लिया गया। जिन राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं, वहां की चुनावी तैयारियों पर विस्तार से 31 अगस्त को चर्चा की जाएगी। ...

    लखनऊ | बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की दो दिवसीय बैठक शनिवार को यहां शुरू हुई। बैठक में चार राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों पर मंथन होना हैं। इस बैठक में उन राज्यों के पदाधिकारियों को विशेषतौर पर बुलाया गया है जिन राज्यों में आगामी दिनों में विधानसभा चुनाव होने हैं। बैठक के पहले दिन मायावती को एक बार फिर सर्वसम्मति से राष्ट्रीय अध्यक्ष चुन लिया गया। जिन राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं, वहां की चुनावी तैयारियों पर विस्तार से 31 अगस्त को चर्चा की जाएगी। दो दिवसीय बैठक में हिस्सा लेने के लिए हरियाणा, महाराष्ट्र, जम्मू व कश्मीर और झारखंड के पदाधिकारी विशेषतौर पर पहुंचे हुए हैं। विधानसभा चुनावों के बाबत मायावती ने कहा कि 31 अगस्त को चार राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों पर विस्तार से चर्चा की जाएगी। बैठक में पार्टी की तैयारियों को लेकर समीक्षा की जाएगी और पदाधिकारियों को जरूरी दिशा निर्देश दिए जाएगे। लखनऊ में 12 मॉल एवेन्यू रोड पर स्थित बसपा के कार्यालय में देशभर के पदाधिकारी जुटे हुए हैं। सभी पदाधिकारी अपने राज्यों में पार्टी के वर्तमान हालात के बारे में मायावती को अवगत कराएंगे। मायावती ने कहा कि बैठक के दूसरे दिन कई मुद्दों पर पार्टी अपना ध्यान केंद्रित करेगी। केंद्र में भाजपा की सरकार बनने के बाद पैदा हुए राजनीतिक हालात पर चर्चा की जाएगी।  पार्टी नेताओं की के अनुसार बैठक में उप्र में आए दिन हो रही सांप्रदायिक घटनाओं, कानून-व्यवस्था पर चर्चा की जाएगी। इसके साथ ही पार्टी के गिरते जनाधार को कैसे बढ़ाया जाए इस पर भी विस्तार से चर्चा होगी।  ज्ञात हो कि हाल ही में सम्पन्न हुए लोकसभा चुनाव में उप्र में बसपा को करारा झटका लगा था। पार्टी ने उप्र की सभी 80 लोकसभा सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे, लेकिन उसे एक भी सीट पर जीत हासिल नहीं हुई थी। इसके बाद बसपा ने घोषणा की कि उप्र में 11 विधानसभा सीटों और एक लोकसभा सीट के लिए 13 सितम्बर को होने जा रहे उपचुनाव में वह हिस्सा नहीं लेगी।


अपनी राय दें