• अफवाह निकली 'दो चांद' दिखने की बात

    नई दिल्ली ! आसमान में दो चांद दिखने को लेकर इंटरनेट और सोशल मीडिया पर पिछले सप्ताह फैली खबर कोरी अफवाह निकली और रात के अंधेरे में टकटकी लगाकर आकाश को निहार रहे लोगों को गहरी निराशा हाथ लगी। सोशल मीडिया पर की गई एक पोस्ट में दावा किया गया था कि 27 अगस्त की रात को मंगल ग्रह चांद के बराबर दिखेगा जिसके कारण आसमान में दो चांद दिखेंगे। ...

    पिछले दिनों दो चंद्रमा की मौजूदगी को लेकर गर्म रहा चर्चाओं का बाजारटकटकी लगाकर आकाश को निहार रहे लोगों को हाथ लगी निराशा सोशल मीडिया पर पोस्ट हुई वायरलनई दिल्ली ! आसमान में दो चांद दिखने को लेकर इंटरनेट और सोशल मीडिया पर पिछले सप्ताह फैली खबर कोरी अफवाह निकली और रात के अंधेरे में टकटकी लगाकर आकाश को निहार रहे लोगों को गहरी निराशा हाथ लगी। सोशल मीडिया पर की गई एक पोस्ट में दावा किया गया था कि 27 अगस्त की रात को मंगल ग्रह चांद के बराबर दिखेगा जिसके कारण आसमान में दो चांद दिखेंगे।   अंतरिक्ष में यह एक दुर्लभ घटना होगी और साल 2287 से पहले फिर ऐसा अदभुत नजारा देखने को नहीं मिलेगा। फिर क्या था इंटरनेट और सोशल मीडिया पर यह पोस्ट वायरल हो गई। पोस्ट पर पोस्ट होने लगी और साथ में सजने लगी रात की पृष्ठभूमि में चांद और मंगल की तस्वीरें। इसने लोगों की उत्सुक्ता को चरम पर पहुंचा दिया। इस पोस्ट को खोजा जाने लगा और पिछले सप्ताह यह गूगल पर सबसे लोकप्रिय पोस्ट बन गई। ईमेल और व्हाट्सएप पर भी इसने गजब ढाया। लेकिन लोगों की उत्सुकता को पराकाष्ठा तक पहुंचाने वाली यह खबर कोरी बकवास निकली। आसमान की तरफ नजर गडाए लोगों को निराशा हाथ लगी और वे उस पोस्ट को कोसने लगे जिसके चक्कर में पडकर उन्होंने अपनी रात खराब की।      देश में वैज्ञानिक जागरूकता पैदा करने के लिए काम करने वाली सरकारी संस्था विज्ञान प्रसार का कहना है कि पृथ्वी से मंगल उतना बडा कभी नहीं दिख सकता जितना पूर्णिमा के दिन दिखता है। दोनों के बीच औसत दूरी 22.5 करोड किलोमीटर है। पृथ्वी और मंगल के बीच न्यूनतम दूरी 5.46 करोड किलोमीटर और अधिकतम दूरी 40.1 करोड किलोमीटर है। पृथ्वी 780 दिन में एक बार मंगल के सबसे करीब आती है । संस्था के मुताबिक पृथ्वी और दूसरे ग्रह सूर्य के चारों ओर अंडाकार कक्षा में चक्कर लगाते हैं। पृथ्वी को सूर्य का एक चक्कर लगाने में एक साल लगता है जबकि मंगल को यह काम पूरा करने में 686.971 दिन लगते हैं। इस तरह हर दिन पृथ्वी और मंगल के बीच की दूरी अलग..अलग होती है।      मंगल का व्यास 6779 किलोमीटर है जबकि चंद्रमा का व्यास 3474.4 किलोमीटर है। चांद पृथ्वी के बेहद करीब है जबकि मंगल पृथ्वी से दूर है। यही वजह है कि पृथ्वी से मंगल किसी तारे की तरह दिखता है। यानी अगर 140 मंगल ग्रहों को एक साथ रख दिया जाए तो वह आकार पृथ्वी से चांद के बराबर दिखेगा।      तो आखिर यह अफवाह फैली कैसे। दरअसल वर्ष 2003 में 27 अगस्त को पृथ्वी और मंगल 60 हजार सालों में सबसे करीब आए थे। तभी यह अफवाह भी गर्म हुई थी कि आसमान पर दो चांद दिखेंगे। फिर तो क्या था हर साल अगस्त में यह अफवाह फैल जाती है और अब तो इंटरनेट और सोशल मीडिया आग में घी का काम कर रहा है।भारत में मंगल ग्रह को लेकर कई मिथक भी हैं और इसे अशुभ माना जाता है। हर कोई मंगल की दशा से बचना चाहता है। वैसे आधुनिक विज्ञान ने लाल ग्रह के बारे में कई मिथक तोड दिए हैं लेकिन सोशल मीडिया पर यह कुछ और मिथक गढ रहा है।

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