नई दिल्ली ! उच्चतम न्यायालय ने विवादित एयरसेल, मेक्सिस करार मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो 'सीबाआईÓ को आरोपपत्र दायर करने से रोकने की मांग वाली पूर्व दूरसंचार मंत्री दयानिधि मारन की याचिका को आज खारिज कर दिया। न्यायमूर्ति एच एल दत्तू की अगुवाई वाली पीठ ने कहा कि यह याचिका जल्दबाजी में दायर की गई है और अगर कोई एजेंसी मानती है कि उसकी जांच पूरी हो चुकी है तो उसे आरोपपत्र दायर करने से नहीं रोका जा सकता। मारन ने अपनी याचिका में दावा किया था कि सीबीआई की जांच अभी पूरी नहीं हुई है और वह आरोप पत्र दायर करने में जल्दबाजी दिखा रही है जिससे उनकी छवि धूमिल हो सकती है। उन्होंने साथ ही कहा कि एयरसेल 'मेक्सिसÓ करार मामले का टू.जी स्पेट्रम मामले से कोई लेनादेना नहीं है। लेकिन न्यायालय ने कहा कि यदि सीबीआई त्रुटिपूर्ण आरोप पत्र दायर करती है तो मारन फिर से अदालत का दरवाजा खटखटा सकते हैं। सीबीआई के गुरुवार को ही आरोपपत्र दायर करने की संभावना है और माना जा रहा है कि इसमें मारन का नाम आरोपी के तौर पर सामने आ सकता है।